प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में जल संरक्षण के महत्व को समझने का हर नागरिक से आग्रह करते हुए कहा है कि जल जीवन का आधार है, इसलिए जल की बर्बादी रोकने के लिए व्यक्तिगत स्तर पर प्रयास किए जाने की जरूरत है।
मोदी ने हर घर नल जल योजना को विकेन्द्रीकरण और ग्रामीण अर्थव्यवस्था को उभारने का बहुत बड़ा आंदोलन बताते हुए आज कहा कि गांवों और महिलाओं द्वारा संचालित इस मिशन से महात्मा गांधी के ग्राम स्वराज को साकार किया जा रहा है।
मोदी ने आज यहां जल जीवन मिशन के मोबाइल ऐप ‘हर घर जल’ तथा राष्ट्रीय जल जीवन कोष का शुभारंभ किया और कहा कि उनकी सरकार की प्राथमिकता देश के ग्रामीण क्षेत्रों के हर घर को नल से जल पहुंचाना है। उनका कहना था कि गांव की महिलाएं हर दिन कई किलो मीटर दूर जाकर पोखड़ों और नदियों से पानी लाती हैं, इस पर आज तक किसी ने ध्यान नहीं दिया, लेकिन उन्होंने जो जल जीवन मिशन शुरू किया है, उससे गांव के इन लोगों का जीवन बहुत आसान हो जाएगा।
प्रधानमंत्री से बातचीत में उत्तर प्रदेश के बांदा जिले की बबेरू तहसील के एक गांव के प्रधान गिरिजा कांत तिवारी, गुजरात के बनासकांठा जिले के एक गांव के प्रधान रमेश भाई पटेल, उत्तराखंड से कौशल्या, तमिलनाडु में के. सुधा, मणिपुर से एल. सरोजिनी देवी ने अपने अपने क्षेत्र में नल से शुद्ध पेयजल की आपूर्ति से आये बदलावों की जानकारी दी और सरकार का आभार व्यक्त किया।
मोदी ने इस मौके पर अपने संबोधन में महात्मा गांधी एवं पूर्व प्रधानमंत्री लालबहादुर शास्त्री को याद किया। उन्होंने कहा कि पूज्य बापू और लाल बहादुर शास्त्री जी इन दोनों महान व्यक्तित्वों के हृदय में भारत के गांव ही बसे थे। यह खुशी की बात है कि आज के दिन देशभर के लाखों गांवों के लोग ‘ग्राम सभाओं’ के रूप में जल जीवन संवाद कर रहे हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जल जीवन मिशन का विजन, सिर्फ लोगों तक पानी पहुंचाने का ही नहीं है। ये विकेंद्रीकरण का भी बहुत बड़ा आंदोलन है। ये गांवों एवं महिलाओं द्वारा संचालित आंदोलन है। इसका मुख्य आधार, जनआंदोलन और जनभागीदारी है।’’ उन्होंने कहा कि जनता की भागीदारी से ही सरकार का कोई भी कार्यक्रम सफल हो सकता है चाहे जल जीवन मिशन हो या कोविड का टीकाकरण।
मोदी ने गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि वह तो गुजरात जैसे राज्य से हैं जहां अधिकतर सूखे की स्थिति दिखायी देती है। उन्होंने ये भी देखा है कि पानी की एक-एक बूंद का कितना महत्व होता है। इसलिए गुजरात का मुख्यमंत्री रहते हुए, लोगों तक जल पहुंचाना और जल संरक्षण, उनकी प्राथमिकताओं में रहे। प्रधानमंत्री बनने के लिए उन्होंने देश भर में इस काम को प्राथमिकता दी।
उन्होंने कहा, ‘‘आजादी से लेकर 2019 तक, हमारे देश में सिर्फ 3 करोड़ घरों तक ही नल से जल पहुंचता था। 2019 में जल जीवन मिशन शुरू होने के बाद से, 5 करोड़ घरों को पानी के कनेक्शन से जोड़ा गया है। आज देश के लगभग 80 जिलों के करीब सवा लाख गांवों के हर घर में नल से जल पहुंच रहा है। यानी पिछले सात दशकों में जो काम हुआ था, आज के भारत ने सिर्फ 2 साल में उससे ज्यादा काम करके दिखाया है।
उन्होंने कहा कि देश में पानी के प्रबंधन एवं कृषि ंिसचाई को खड़ा करने का बड़े स्तर पर काम चल रहा है। गंगा के अलावा कई अन्य नदियों के जल को प्रदूषण मुक्त करने और भूजल स्तर उठाने का प्रयास चल रहा है।
