Chanakya Niti : पति-पत्नी दोनों एक-दूसरे के पूरक माने गए हैं। पति अगर दुखी है तो पत्नी को ये जानने का अधिकार हो जाता है कि उन्हें क्या तकलीफ हैं और वहीं पत्नी अगर दुखी है तो पति के द्वारा पत्नी को संभालना एक कर्तव्य नहीं अपितु उसका अधिकार है। पत्नी की पीड़ा पति को समझना चाहिए और पति की पीड़ा पत्नी को समझनी चाहिए, लेकिन इसी के साथ ही क्या आप जानते हैं कि पति अगर अपनी पत्नी से ये एक चीज मांगता है तो पत्नी को इसे देने में शर्म नहीं करना चाहिए। पत्नी को ये चीज पति को दे देनी चाहिए और इसे देने में बिलकुल भी इंकार ना करें।
आचार्य चाणक्य जी कहते हैं कि पति-पत्नी में अगर प्रेम ना हो तो वह परिवार सूखे पत्तों की तरह बिखर जाता है और जिस पति-पत्नी में अगर प्रेम हो तो वह घर स्वर्ग हो जाता है। पति अगर उदास हो तो इसका मतलब ये नहीं है कि पत्नी अपना मुंह फेर लें। बल्कि पत्नी को ये जानना चाहिए कि उन्हें आपसे क्या चाहिए।
माना जाता है कि पति को अगर घर में खु्शियां ना मिलें तो वह उस खुशी को बाहर तलाश करता है, लेकिन अगर आप चाहती हैं कि आपके साथ ऐसी नौबत कभी ना आए, आपके रिश्तों में दरार कभी ना आए तो पत्नी का ये अधिकार हो जाता है कि पति को प्यार देने में बिलकुल भी शर्म ना करें।
पति अगर आपसे प्यार मांगता है तो इसे देने में कभी इनकार नहीं करना चाहिए। क्योंकि जिस पति-पत्नी में प्रेम होता है वह घर स्वर्ग हो जाता है और धीरे-धीरे घर में खुशियां आ जाती हैं। इसीलिए पति अगर पत्नी से प्यार मांगता है तो पत्नी का अधिकार हो जाता है कि उसकी ये इच्छा जरुर पूरी करें। इसके बाद आप देखेंगे कि आपके घर में ठेर सारी खुशियां आ जाएंगी। बल्कि आप दोनों के बीच और प्यार बढ़ता चला जाएगा।
(Disclaimer: इस स्टोरी में दी गई सूचनाएं सामान्य मान्यताओं पर आधारित हैं।सच की दुनिया इनकी पुष्टि नहीं करता है। इन तथ्यों को अमल में लाने से पहले संबधित विशेषज्ञ से संपर्क करें)
