कोरोनासोमनिया शब्द अनिद्रा के मुद्दों और कोरोना वायरस के कारण नींद की समस्याओं को बताता है. नींद से जुड़ी परेशानियों के लक्षण और खतरे की पहचान से बचने के उपाय आसान हो जाते हैं.
कोरोना वायरस की दूसरी लहर कोविड-19 ने न सिर्फ हमारी जिंदगी में उथल-पुथल मचाया है, बल्कि दिमागी सेहत और लोगों के स्वास्थ्य को भी प्रभावित किया है. खौफ चाहे वायरस के संक्रमण का हो या उससे जुड़े लक्षणों से निपटने का, तीसरी लहर का खौफ बरकरार है. महामारी से हमारी नींद के चक्र और स्लीप पैटर्न पर असर पड़ा है. लोग सही तरीके से सो पाने में असमर्थ महसूस कर रहे हैं. ये स्थिति कोरोना सोमनिया कहलाती है. कोरोनासोमनिया शब्द अनिद्रा के मुद्दों और कोरोना वायरस के कारण नींद की समस्याओं को बताता है.
कोरोनासोमनिया के लक्षण और खतरों को न्योता
सोने की कोशिश करने पर भी दिमाग का कहीं और चलना. अचानक से नींद का टूटना और फिर दोबारा सोने में दिक्कत. ये कोरोनासोमनिया से जूझने के स्पष्ट लक्षण हैं. महामारी में परिजनों को खोने का सदमा, परिवार को संक्रमण से सुरक्षित करने की चिंता से लोगों के दिमाग पर दबाव पड़ा है. ये सभी मिलकर तनाव में योगदान करते हैं जो नींद से जुड़ी समस्या है. 2020 में अमेरिकन एकेडमी ऑफ स्लीप मेडिसीन ने एक सर्वेक्षण किया था. रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना वायरस महामारी से पहले 20 फीसद लोग नींद से परेशान थे. लेकिन महामारी के बाद, आंकड़ा बढ़कर 60 फीसद हो गया.
13 देशों में नींद से जुड़े एक अन्य सर्वे में लोगों का मानना था कि महामारी ने उनकी नींद पर बुरा असर डाला है. रिपोर्ट से खुलासा हुआ कि कोविड-19 की शुरुआत से 70 फीसद युवाओं को नींद से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ा. उसी दौरान, ये समस्या महिलाओं में अधिकतर देखी गई. मैक्स हेल्थकेयर के आईएम चुग कहते हैं, "कोरोनासोमनिया दिल, दिमाग, उम्र, इम्यूनिटी और एंटीबॉडीज के लिए बड़ा खतरा है."
सोने के अभाव का सीधा संबंध दिल, ब्लड प्रेशर और स्ट्रोक से जुड़ता है. नींद की कमी आपके अंदर चिंता के खतरे को बढ़ाती है. यहां तक कि एक घंटे कम सोने का भी आपकी सेहत पर खराब प्रभाव हो सकता है. नींद की कमी से आत्महत्या जैसे विचार दिमाग में पनपने लगते हैं. गंगाराम अस्पताल के वरिष्ठ कंसलटेंट संजय मानचंदा बताते हैं कि इनसोमनिया से जुड़ी गंभीर बीमारी का शिकार होने से पहले आपक खुद की देखभाल कर सकते हैं. इस बीमारी से के लिए दवाइयों की जरूरत नहीं, बल्कि कुछ एहतियाती उपाय अपनाकर कोरोना सोमनिया से बचा जा सकता है.
कोरोनासोमनिया से बचने के लिए आसान टिप्स
अगर आप बिस्तर पर जाने के 25 मिनट बाद भी सो नहीं पाते हैं, तो जरूरी है कि मेडिटेशन करें.
दोपहर 2 बजे के बाद कम चाय, कॉफी का सेवन करें. कैफीन नींद के चरण को प्रभावित करती है.
बिस्तर को काम की जगह न बनाएं. सुबह के वक्त 15 मिनट सूरज की रोशनी का इस्तेमाल करें.
सोने से पहले मोबाइल का इस्तेमाल न करें. उसकी ब्लू स्क्रीन मेलाटोनिन हार्मोन की मात्रा कम करती है.
बेडरूम का तापमान 16-19 डिग्री सेल्सियस के बीच होना चाहिए. इससे नींद आने में मदद मिलती है.