जूनियर डॉक्टर्स की हड़ताल ख़त्म!, 6 सूत्रीय मांगों को लेकर थे स्ट्राइक पर



ग्वालियर। अपनी मांगों को लेकर पिछले एक सप्ताह से हड़ताल कर रहे जूनियर डॉक्टर्स ने हड़ताल ख़त्म कर दी है। हड़ताल ख़त्म करने के पीछे वजह हाईकोर्ट का आदेश और मरीजों का हित बताया जा रहा है। गौरतलब है कि प्रदेश के सभी मेडिकल कॉलेज के जूनियर डॉक्टर्स 31 मई से छह सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर चल रहे थे। हालाँकि इस पूरे मामले पर जूडा एसोसिएशन से जुड़ा कोई भी पदाधिकारी बात नहीं कर रहा।

मध्यप्रदेश के जूनियर डॉक्टर्स पिछले एक सप्ताह से हड़ताल पर थे, स्टाइपेंड में वृद्धि सहित छह सूत्रीय मांगों को लेकर हड़ताल पर गए जूनियर डॉक्टर्स सरकार पर वादाखिलाफी के आरोप लगा रहे थे। पिछले दिनों हाईकोर्ट ने भी जूनियर डॉक्टर्स को मरीजों का हित देखते हुए और कोरोना काल को देखते हुए हड़ताल वापस लेने का आदेश दिया था जिसे जूनियर डॉक्टर्स ने ठुकरा दिया था। इस बीच हाईकोर्ट में अवमानना याचिका भी दायर की गई है।

उधर आज सोमवार को मध्यप्रदेश मेडिकल काउंसिल ने समाचार पत्रों में कारण बताओ नोटिस भी प्रकाशित करवाई जिसमें मध्यप्रदेश के 6 मेडिकल कॉलेज के 21 जूनियर डॉक्टर्स को नोटिस जारी कर कहा कि आप अवैधानिक रूप से हड़ताल कर रहे हैं जिससे मरीजों को परेशानी हो रही है और अस्पतालों की व्यवस्थाएं प्रभावित हो रहीं हैं। आपका आचरण इंडियन मेडिकल काउन्सिल प्रोफेशनल कंडक्ट एटिकेट एन्ड इथिक्स का उल्लंघन है। ऐसा कर आपने स्वयं को मध्यप्रदेश मेडिकल काउन्सिल से अपना पंजीयन निरस्त करने के लिए उत्तरदायी बना लिया है अतः आपको निर्देशित किया जाता है कि 10 जून को काउन्सिल की इथिकल कमेटी के सामने अपना पक्ष रखें कि क्यों ना मध्यप्रदेश मेडिकल काउन्सिल से आपका पंजीयन निरस्त कर दिया जाये। नोटिस में गाँधी मेडिकल कॉलेज भोपाल के 3, महात्मा गाँधी स्मृति मेडिकल कॉलेज इंदौर के 5, नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज जबलपुर के 3, श्याम शाह मेडिकल कॉलेज रीवा के 5, जीआर मेडिकल कॉलेज के 2 और बुंदेलखंड मेडिकल कॉलेज सागर के 3 के जूनियर डॉक्टर्स के नाम हैं।

उधर जीआर मेडिकल कॉलेज ग्वालियर के प्रभारी डीन डॉ समीर गुप्ता ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ को मोबाइल पर बात करते हुए बताया कि मेरे पास ग्वालियर जूडा अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा की तरफ से व्हाट्स एप पर एक सन्देश आया हैं जिसमें मरीजों के हित को देखते हुए हड़ताल को वापस करने की बात कही गई है। पूरे मामले पर ग्वालियर जूडा अध्यक्ष डॉ देवेंद्र शर्मा से कई बार संपर्क करने का प्रयास किया गया लेकिन उन्होंने फोन रिसीव नहीं किया।

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