
रीवा के लिंबोदी में रहने वाले मास्टर माइंड सुनील मिश्रा ने कोरोना मरीजों के स्वजनों को जो रेमडेसिविर इंजेक्शन बेचे वो नकली थे। उन्हें दवा माफिया कौशल वोरा और पुनित शाह द्वारा सूरत (गुजरात) जिलें के ओलपाड तहसील में पिंजरत स्थित फॉर्म हाउस पर नमक और ग्लूकोज मिलाकर तैयार किया गया था। मिश्रा को गुरुवार रात सूरत क्राइम ब्रांच ने गिरफ्तार कर लिया है और उसने सैंकड़ों की तादाद में इंजेक्शन बेचना भी कबूल लिया है। मिश्रा के सहयोगी जिम ट्रेनर प्रवीण उर्फ सिद्धार्थ सहित अन्य को विजयनगर थाना पुलिस पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है। इंदौर में बढ़ते संक्रमण के बीच रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी जोरों पर है। कालाबाजारी के तार अब गुजरात के मोरबी से जुड़ गए हैं। आरोपी सोशल मीडिया के माध्यम से जरूरतमंदों के साथ संपर्क करते और कम से कम 35 से 40 हजार में एक इंजेक्शन बेचा करते थे। पुलिस के अनुसार अकेले विजय नगर पुलिस ने ही अब तक 4 केस में 11 कालाबाजारी करने वालों को गिरफ्तार किया है। इनके पास से 14 इंजेक्शन और 5 फेवी फ्लू बरामद किए हैं। इसके अलावा लसुड़िया और कनाड़िया पुलिस ने भी आधा दर्जन मामलों में 8 से ज्यादा इंजेक्शन जब्त किए हैं।
जबलपुर कनेक्शन
कोरोना संक्रमण से जूझ रहे मरीजों के लिए उपयोगी रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी कम होने का नाम नहीं ले रही है। बीते दिनों गुजरात में नकली इंजेक्शन बड़ी मात्रा में पकड़ाए जाने पर व जबलपुर के भी एक युवक का नाम सामने आने पर बीते दिवस गुजरात से आई एक टीम अधारताल क्षेत्र के उक्त आरोपी को अपने साथ ले गयी। जानकारों की मानें तो नकली इंजेक्शन में लिप्त लोगों से गुजरात की पुलिस लगातार पूछताछ कर रही है और इसी कड़ी में उन्होंने अधारताल में रहने वाले सपन जैन पिता राजेन्द्र जैन का नाम भी लिया था। इसके बाद गुजरात की पुलिस यहाँ पहुँची और उक्त आरोपी को अपने साथ लेकर आगे की जाँच के लिए गुजरात की ओर रवाना हो गयी। जानकारों का यह भी कहना है कि इस मामले की जैसे-जैसे जाँच होती जाएगी नए नए नाम भी सामने आने की पूरी संभावना है।