Jabalpur : कोरोना को मात देने वाले 74 साल के बुजुर्ग में मिला ब्लैक-व्हाइट फंगस....



जबलपुर निवासी 74 साल के वृद्ध में ब्लैक व व्हाइट फंगस दोनों मिले। जिले का यह पहला मामला है जब कोरोना को हरा चुके मरीज में दोनों फंगस एक साथ पाए गए। नेताजी सुभाषचंद्र बोस मेडिकल कॉलेज अस्पताल में हुई नेजल एंडोस्कोपी के बाद नाक, कान व गला रोग विभाग के विशेषज्ञों ने मरीज के तालू व जबड़े का ऑपरेशन कर उसे निकाल दिया। इस प्रकार मेडिकल में अब तक ब्लैक व व्हाइट फंगस से संक्रमित 37 मरीजों के ऑपरेशन व 50 मरीजों की नेजल एंडोस्कोपी की जा चुकी है। इधर, मेडिकल में ब्लैक फंगस से जान गंवाने वाले मरीजों की संख्या चार हो गई है।

आंख के पीछे भर जाती है मवाद: चिकित्सकों ने बताया कि ब्लैक फंगस के कारण आंख, जबड़ा व तालू में संक्रमण के ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं। फंगस के कारण मेडिकल में अब तक एक भी मरीज की आंख नहीं निकाली गई। बल्कि नेजल एंडोस्कोपी के माध्यम से आंख के पिछले हिस्से में भरी मवाद को बाहर निकालकर आंखों की रोशनी बचाई गई। चिकित्सकों का कहना है कि ब्लैक फंगस के लक्षण सामने आने के बाद उपचार में विलंब जोखिम भरा हो सकता है।

हताश न हों, जल्दी पहुंचे अस्पताल: मेडिकल कॉलेज नाक कान गला रोग विभागाध्यक्ष डॉ. कविता सचदेवा का कहना है कि ब्लैक फंगस से संक्रमित मरीज समय से अस्पताल पहुंच जाएं तो ऑपरेशन की नौबत नहीं आती। उन्होंने बताया कि 74 वर्षीय वृद्ध में ब्लैक के साथ व्हाइट कैंडिडा फंगस पाया गया। ऑपरेशन के बाद वृद्ध की हालत खतरे से बाहर है। उन्होंने कहा कि डीन डॉ. प्रदीप कसार, अधीक्षक डॉ. राजेश तिवारी द्वारा मेडिकल में ब्लैक फंगस के उपचार के लिए पर्याप्त इंतजाम किए गए हैं। मरीजों की भर्ती, उपचार, नेजल एंडोस्कोपी व ऑपरेशन सुविधा निश्शुल्क दी जा रही है।

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