Chhattisgarh Naxal Attack: जवानों और नक्सलियों के बीच 5 घंटे तक चली मुठभेड़, 3 तरीकों से हुआ हमला, देसी रॉकेट लॉन्चर भी छोड़े

 


इस साल का सबसे बड़ा नक्सली हमला छत्तीसगढ़ के बीजापुर (Chhattisgarh Bijapur Maoist attack) में हुआ। इस नक्सली हमले में अब तक 20 जवानों के शव बरामद हो गए हैं। जबकि 31 जवान घायल बताए जा रहे हैं। डीजी डीएम अवस्थी ने इसकी जानकारी दी है। शुरुआती हमले के दौरान सिर्फ 5 जवानों के शहीद होने की खबर मिली थी। वहीं दूसरी तरफ इस हमले में 15 नक्सलियों के मारे जाने की खबर है।

दूसरी तरफ सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक, बीजापुर में हुए नक्सली हमले में 22 जवान शहीद हो गए हैं। मुठभेड़ के दौरान हमले में 15 नक्सलियों के मारे जाने की भी खबर है। बीजापुर के तर्रेम इलाके में जोनागुड़ा पहाड़ियों के पास 700 जवानों को नक्सलियों ने घेर लिया था। इस दौरान नक्सलियों ने देसी रॉकेट लॉन्चर और एलएमजी का इस्तेमाल किया था। इस दौरान करीब 300 नक्सली थे। जिन्होंने तीन तरीकों से सुरक्षाबलों पर हमला किया था। पहला बुलेट से, दूसरी नुकीले हथियारों और तीसरा देसी रॉकेट लॉन्चर से। जिसमें भारी संख्या में जवानों को नुकसान हुआ।

जानकारी के लिए बता दें कि छत्तीसगढ़ पुलिस और सीआरपीएफ को खुफिया जानकारी मिली थी कि नक्सलियों का एक बड़ा कमांडर दुर्दांत पोवर्ती गांव में है। जो हिडमा से एक किलोमीटर दूर है। इस कमांडर को घेरने के लिए ज्वाइंट ऑपरेशन शुरू किया। ऑपरेशन के दौरान सुरक्षाबलों और नक्सलियों के मुठभेड़ हो गई। छत्तीसगढ़ के सुकमा-बीजापुर बॉर्डर पर शनिवार को जवानों की एक पार्टी के बाद नक्सलियों ने जोनागुडा गांव के पास घात लगाकर हमला किया गया था।

अधिकारियों ने पुष्टि की कि सुरक्षाबलों के टारम कैंप से मुठभेड़ स्थल मुश्किल से 15 किमी दूर था। पिछले 10 दिनों से छत्तीसगढ़ में सुरक्षा बलों को प्रतिबंधित सीपीआई (माओवादी) के एक शीर्ष नक्सली मादवी हिडमा के ठिकाने के बारे में जानकारी मिल रही थी। जो 2013 के झीरम घाटी में हुए हमलों सहित बड़े हमलों से जुड़ा हुआ है। 2013 में झीरम घाटी नक्सली हमले में छत्तीसगढ़ कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं सहित 30 से अधिक लोग मारे गए थे।

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