SBI ने पेश किया रिटायरमेंट प्‍लान, 30 हजार कर्मचारियों पर ऐसे पड़ेगा असर

नई दिल्लीः देश के सबसे बड़े भारतीय स्टेट बैंक (एसबीआई) ने अपने कर्मचारियों के लिए एक स्वैच्छिक सेवानिवृत्ति योजना (Voluntary Retirement Scheme) तैयार की है। इस योजना से 30190 कर्मचारी बैंक से बाहर हो सकते हैं। वीआरएस के लिए एक ड्राफ्ट तैयार हो चुका है और बोर्ड की मंजूरी का इंतजार है। इस प्रस्तावित वीआरएस का नाम ‘सेकेंड इनिंग टैप वीआरएस- 2020’ है।

क्या है VRS योजना
योजना का लक्ष्य बैंक की लागत में कमी लाना और मानव संसाधन का अधिकतम इस्तेमाल करना है। वीआरएस योजना ऐसे सभी स्थायी अधिकारियों और कर्मचारियों के लिए खुली होगी, जिन्होंने निर्धारित तारीख तक बैंक को 25 साल की सेवा दी होगी या 55 साल की उम्र पूरी कर चुके होंगे। यह योजना इस साल 1 दिसंबर से फरवरी 2021 के आखिर तक खुली रहेगी। यानी इसी अवधि में वीआरएस के लिए आवेदन स्वीकार किए जाएंगे।

मिलेंगे ये फायदे
यदि योजना के तहत रिटायरमेंट के योग्य कर्मचारियों में से 30 फीसदी भी वीआरएस का विकल्प चुनते हैं तो जुलाई 2020 के वेतन पर आधारित अनुमान के तहत एसबीआई को करीब 1,662.86 करोड़ रुपए की बचत होगी। योजना चुनने वाले कर्मियों को बचे कार्यकाल का 50 प्रतिशत अथवा पिछले 18 महीने में उन्हें कुल वेतन में से जो कम होगा, उसका एकमुश्त भुगतान किया जायेगा। इसके अलावा उन्हें ग्रेच्युटी, पेंशन, भविष्य निधि और चिकित्सा लाभ जैसी सुविधाएं भी मिलेंगी।

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