सूर्य देव 17 सितंबर से अपनी राशि से निकल कर कन्या राशि में प्रवेश कर रहे हैं। जब भगवान सूर्य कन्या राशि में गोचर करते हैं तो इसे कन्या संक्रांति कहते हैं। इसे अश्विन संक्रांति नाम से भी जाना जाता है। कन्या संक्रांति में भगवान विश्वकर्मा की पूजा की जाती है। इस संक्रांति को बहुत लाभदायाक माना जाता है। इस संक्रांति में दान पुण्य का विशेष फल मिलता है। खासकर पितरों का तर्पण भी बहुत अच्छा रहता है। आपको बता दें कि भगवान भास्कर एक राशि में एक माह रहते हैं। सूर्यदेव अपनी राशि बदल रहे हैं ऐसे में बुध ग्रह पहले ही वहां कन्या राशि में विराजमान है, इसलिए बुध और सूर्य दोनों ग्रहों के एक साथ होने के कारण बुधादित्य योग का निर्माण होता है।
यह संयोग बहुत शुभ होता है और इससे बहुत ही शुभ परिणाम देखने को मिलते हैं। बुधादित्य योग बनने और सूर्य संक्रांति का विभिन्न राशियों पर बहुत ही सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकता है। कन्या राशि के जातकों के लिए सूर्य का यह गोचर उत्तम है। इस परिवर्तन से कई राशियों के लिए भाग्योदय का योग बन रहा है तो कई राशियों के लिए सफलता का योग भी, कुछ राशि वालों को लक्ष्य पाने के लिए मेहनत भी करनी पड़ सकती है। आइए जानें विभिन्न राशियों पर असर
मेष : आपको धन प्राप्ति के योग हैं, इस राशि के लोगों को समाज में प्रतिष्ठा भी मिलेगी।
वृषभ : इस राशि के लोगों को सफलता पाने के लिए कई मौके मिलेंगे, इसके लिए मेहनत करनी होगी।
मिथुन : बहुत समय से जो आपका काम नहीं बन पा रहा, वो बनेगा।
कर्क : आप जिस करियर से जुड़े जिस कार्य को नहीं कर पा रहे , उस कार्य को करने की हिम्मत जुटा पाएंगे।
सिंह : अपने माता पिता का आशीर्वाद मिलेगा, आपको सफलता के कई अवसर भी मिलेंगे
कन्या : कन्या राशि के लिए यह परिवर्तन अच्छा है, आपके लिए अच्छे योग बन रहे हैं।
तुला : आपके आर्थिक हालात सुधरेंगे।
वृश्चिक : आपको अपने कार्य के लिए पसीना बहाना होगा।
धनु : समाज में आपको मान सम्मान मिलेगा।
मकर : इस राशि के लोगों को जिंदगी में ऐसी परिस्थिति का सामना करना पड़ सकता है, जहां आपको दृढ़ होकर निर्णय लेना होगा।
कुंभ : जीवनसाथी से लड़ाई और क्लेश की स्थिति बन सकती है।
मीन : इस राशि के लोगों के लिए परिवर्तन अच्छा है, खासकर कार्यक्षेत्र में आपको सकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।
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