सामान्य यात्री ट्रेनों को शुरू होने में लग सकता है वक़्त, रेलवे ने एडवांस टिकट किए रद्द, लोगों को मिलेगा फुल रिफंड

नई दिल्ली: रेलवे ने 14 अप्रैल को या उससे पहले बुक किए गए सभी रेग्युलर टाइम टेबल वाली ट्रेनों के रेल टिकटों को कैंसिल कर दिया है. यात्रियों को फ़ुल रिफंड दिया जाएगा. रेलवे के इस फ़ैसले से साफ है कि सामान्य यात्री ट्रेनों के शुरू होने में अभी काफ़ी वक़्त लग सकता है.

14 अगस्त तक के एडवांस टिकट ले रखे हैं यात्रियों ने
रेलवे के आज के फ़ैसले से वो यात्री प्रभावित होंगे, जिन्होंने 14 अप्रैल या उससे पहले ही अपनी यात्रा का एडवांस टिकट बुक कर लिया था. चूंकि एडवांस टिकट 4 महीने पहले तक लिया जा सकता था, इसलिए 14 अप्रैल को आए एडवांस टिकट पर रोक के आदेश के समय तक 14 अगस्त तक के टिकट बुक हो चुके थे.

कब से लगी है एडवांस टिकट पर रोक
लॉकडाउन के बढ़ने के साथ ही 14 अप्रैल को रेलवे ने ये घोषणा की थी कि सभी यात्री ट्रेनें 3 मई तक रद्द की जाएंगी और 3 मई के बाद के एडवांस टिकट भी नहीं बुक किए जाएंगे. इसके बाद से आज तक एडवांस टिकट पर रोक लगी हुई है.

14 अप्रैल तक एडवांस टिकट हो रहे थे
लॉकडाउन के दौरान आईआरसीटीसी लगातार 14 अप्रैल और इससे आगे के एडवांस टिकट बुक कर रही थी, जिसकी उसे आलोचना भी झेलनी पड़ी थी. आरोप था कि लॉकडाउन बढ़ने का अंदाज़ा होने के बाद भी रेलवे क्यों एडवांस टिकट बुक कर सर्विस चार्ज के नाम पर जनता से क़रीब 22 लाख रूपए और उस पर ब्याज रोज़ कमा रही है. इन आलोचनाओं को विराम देते हुए ही रेलवे ने एडवांस टिकट न कराने का फैसला किया था.

फुल रिफंड करेगी रेलवे, यात्रियों को एडवांस टिकट कैंसिल कराने की ज़रूरत नहीं
जिन यात्रियों ने पूरे लॉकडाउन के दौरान किसी भी तारीख का टिकट एडवांस में कराया था उसके ‘किराए’ का पूरा पैसा उसके एकाउंट में ऑटोमेटिकली वापस भेजेगी आईआरसीटीसी. यानी 14 अगस्त तक के सभी रद्द टिकटों का पैसा यात्रियों के एकाउंट में भेजा जाएगा. लेकिन कनवीनिएंस फ़ीस और बैंक चार्ज काटा जाएगा.

कनवीनिएंस फ़ीस कभी वापस नहीं होती
आईआरसीटीसी बुकिंग के वक्त जो सर्विस चार्ज लेता है, वो कैंसलेशन के समय वापस नहीं करता, क्योंकि उसके अनुसार बुकिंग की सुविधा वो दे चुका है. यानी टिकट काउंटर पर जा कर लाईन में लग कर होने वाली असुविधा से वो पहले ही यात्री को बचा चुका है. इसलिए जो सुविधा यात्री पहले ही ले चुके हैं उसका सर्विस चार्ज वापस नहीं किया जाता.

रद्द ट्रेनों के टिकटों पर कनविनिएंस फीस क्यों ?
आईआरसीटीसी ने कनविनिएंस फीस लिए जाने पर सफाई देते हुए कहा कि यात्री अगर अपने घर से टिकट की लाईन में लगने जाते तो उन्हें 15 या 30 रुपये की कनविनिएंस फीस से ज़्यादा पैसा और समय खर्च करना पड़ता. पेट्रोल/डीज़ल को छोड़ भी दें तो कनविनिएंस फीस से ज़्यादा तो उन्हें पार्किंग का भी पैसा देना पड़ता. कनविनिएंस फीस लाईन में न लगने देने की एक सर्विस है, जो यात्री ले चुका है. इसके एवज में अगर उन्हें घर बैठे ऑनलाईन टिकट दिया जा रहा है तो जायज़ कनविनिएंस फीस ही ली जा रही है. क्योंकि कोई टैक्सी या रिक्शा करके टिकट काउंटर आएगा तो उसका अलग पैसा खर्च होगा.

टिकट कैंसिलेशन के सामान्य नियम
टिकट के पूरे दाम के तीन हिस्से होते हैं- रेल किराया, कनविनिएंस फीस और बैंक चार्जेज़. ऑनलाईन टिकट कैंसिलेशन पर रिफ़ंड में एसी क्लास पर 30 रुपये और नॉन एसी क्लास पर 15 रुपये कनवीनिएंस फीस कटती है. ये फीस आईआरसीटीसी लेता है. कनविनिएंस फी सिर्फ सफल टिकट बुकिंग पर ही ली जाती है. लेकिन कैंसिलेशन में 10 रुपये सर्विस चार्ज या बैंक चार्ज भी अलग से कटता है, जो कि बैंक लेता है.

जाने बैंक चार्ज के बारे में ज़रूरी बात
यूपीआई से टिकट कराने पर कोई चार्ज नहीं लगता. नेट बैंकिंग से टिकट कराने पर 10 रुपये बैंक चार्ज लगता है. क्रेडिट कार्ड से टिकट कराने पर कुल अदा की गई राशि का 1% बैंक चार्ज कटता है, जबकि डेबिट कार्ड से भी 0.4% बैंक चार्ज कटता है. टिकट कैंसिलेशन पर बैंक चार्ज वापस नहीं होता. आईआरसीटीसी के राष्ट्रीय प्रवक्ता सिद्धार्थ सिंह का कहना है, "हालांकि ये पूरी तरह बैंकों के ऊपर निर्भर करता है, लेकिन कुछ बैंक टिकट कैंसलेशन पर बैंक चार्ज भी लौटा देते हैं."

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