इनकम टैक्स छूट के दायरे में आ सकता है होम लोन का इंश्योरेंस : सूत्र

वित्त वर्ष 2019-20 का आम बजट इसी सप्ताह पांच जुलाई को पेश किया जाएगा. सूत्रों का कहना है कि बजट में होम इंश्योरेंस से जुड़ी राहत मुमकिन है. होम इंश्योरेंस के प्रीमियम की इनकम टैक्स में छूट मिल सकती है. बताया जा रहा है कि इंश्योरेंस छूट का अलग सेक्शन का ऐलान मुमकिन है. हेल्थ, होम और लाइफ इंश्योरेंस के लिए छूट का एक अलग सेक्शन भी ऐलान हो सकता है.
सूत्रों कहा है कि हेल्थ, लाइफ इंश्योरेंस की तर्ज पर होम इंश्योरेंस प्रीमियम पर मिलेगी छूट मिल सकती है. अलग सेक्शन या इनकम टैक्स में 80D की लिमिट बढ़ाकर छूट दी जा सकती है. सरकार अफोर्डेबल होम इंश्योरेंस पर भी विचार कर सकती है. 
ओडिशा, केरल, चेन्नई की बाढ़ में काफी नुकसान हुआ है. ऐसे में प्राकृतिक आपदाओं के नुकसान से निपटने में मदद मिलेगी. होम इंश्योरेंस का भारत में काफी कम चलन है. आपदा, दुर्घटना के जोखिम से निपटने में मदद होगी. ओडिशा, केरल, चेन्नई की बाढ़ में काफी नुकसान हुआ है. होम इंश्योरेंस प्रोडक्ट की देश में ज्यादा मांग नहीं है. जनरल इंश्योरेंस कंपनियों को फायदा होगा.
अगर ऐसा होता है तो इन लिस्टेड कंपनियों को फायदा हो सकता है.
- ICICI LOMBARD
-NEW INDIA ASSURANCE
-GIC RE
-TOP BAND
सूत्रों का कहना है कि होम इंश्योरेंस प्रीमियम पर टैक्स छूट मिल सकती है. बजट में होम इंश्योरेंस से जुड़ी छूट ऐलान हो सकता है. प्राकृतिक आपदाओं के नुकसान में होम इंश्योरेंस मददगार है. इंश्योरेंस से जुड़ी छुट का अलग सेक्शन हो सकता है.   
होम इंश्योरेंस प्रीमियम में टैक्स छूट मुमकिन है. बाढ़ से हुए नुकसान में मददगार हो सकता है. होम इंश्योरेंस की डिमांड बढ़ने की उम्मीद है. अफोर्डेबल होम इंश्योरेंस पर भी विचार किया जा रहा है. 

बजट से पहले बाजार ‘देखो और इंतजार करो’ की राह पर: विशेषज्ञ
विश्लेषकों का मानना है कि आगे चलकर शेयर बाजारों की दिशा आम बजट से तय होगी. बजट से पहले निवेशक ‘देखो और इंतजार करो’ की नीति पर चलेंगे. हालांकि, विश्लेषकों का मानना है कि अमेरिका और चीन ने जी-20 शिखर सम्मेलन में सप्ताहांत व्यापार युद्ध को समाप्त करने की घोषणा की है जिससे बाजार में कुछ तेजी देखी जा सकती है. इसके अलावा मानसून की प्रगति, रुपये और कच्चे तेल में उतार-चढ़ाव पर भी बाजार की निगाह रहेगी. 
सैमको सिक्युरिटीज एंड स्टॉकनोट के संस्थापक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी जिमीत मोदी ने कहा, ‘चुनाव नतीजे अधिक भावनात्मक आयोजन था जबकि बजट बाजार की दृष्टि से अधिक तार्किक वजह होगा. बजट से पहले की सुस्ती तूफान से पहले की शांति हो सकती है और बाजार स्थिर रहेंगे लेकिन इसके नीचे की ओर जाने का दबाव रहेगा.’ उन्होंने कहा कि वाहन क्षेत्र दबाव में है. सरकार इस क्षेत्र को कैसे समर्थन देती है, इस बात पर निर्भर करेगा कि इन कंपनियों के शेयर चढ़ेंगे या टूटेंगे.
एपिक रिसर्च के सीईओ मुस्तफा नदीम ने कहा, ‘हमारे सामने काफी महत्वपूर्ण आयोजन बजट है. इस बात की संभावना है कि बाजार में उतार-चढ़ाव रहेगा और लघु अवधि में यह और प्रभावित करेगा. चूंकि यह महत्वपूर्ण कार्यक्रम है इसलिये हमारा मानना है कि हमें फिलहाल इसके आने वाले नतीजों का इंतजार करना चाहिए.’ विनिर्माण और सेवा क्षेत्र के पीएमआई आंकड़े इसी सप्ताह आने हैं. 

यस सिक्युरिटीज के अध्यक्ष एवं शोध प्रमुख अमर अंबानी ने कहा कि बजट से सरकार की राजकोषीय रूपरेखा तय होगी. उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सरकार पूर्व के बजट के अनुरूप राजकोषीय मोर्चे पर घाटे को उचित स्तर पर कायम रखेगी.

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