मुर्गा बांग दे या नहीं अब अदालत करेगी इसका फैसला

पेरिस । भारत में मुर्गे की बांग रोज सुबह लोगों को नींद से जगाने का काम करती है, वहीं पश्चिमी फ्रांस में मौरिस नामक मुर्गे पर इस बात के लिए मुकदमा किया गया है कि उसके बांग देने से शोर मचता है और लोगों की नींद में खलल पड़ती है। मौरिस की बांग पर फ्रांस में शहरी और ग्रामीण लोग बंट गए हैं। शहरी लोग मौरिस की बांग के खिलाफ हैं तो ग्रामीण लोगों को मौरिस के बांग देने पर ऐतराज नहीं है। फ्रांस में मुर्गा राष्ट्रीय प्रतीक है। फ्रांस के इस्ले ऑफ ऑलरॉन के सेंट पियरे द ऑलरॉन गांव में क्रोनी फेस्सयू ने मौरिस मुर्गे को पाल रखा है। अप्रैल 2017 में उनके पड़ोसियों ने पहली बार अप्रैल 2017 में शिकायत की और कहा कि वह अपने मुर्गे को चुप कराएं, वह तेज आवाज में शोर मचाता है। पड़ोसी ने इससे ध्वनि प्रदूषण होने का भी दावा किया। क्रोनी का कहना है कि 35 साल से वह इस गांव में रह रही हैं लेकिन अभी तक किसी ने मौरिस के बांग देने की शिकायत नहीं की थी, लेकिन उनके पड़ोसी शिकायत के बाद मामले को अदालत में ले गए। इस मुकदमे का फैसला 5 सितंबर तक हो सकता है।

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