जबलपुर: बेसहारा एवं अनाथ बच्चों के संरक्षण एवं पुनर्वास के लिए समन्वित प्रयास जरूरी

कलेक्टर श्री भरत यादव ने अनाथ, बेसहारा एवं परित्यक्त बच्चों के पुनर्वास की दिशा में बेहतर परिणाम प्राप्त करने के लिए बाल अधिकारों के संरक्षण के लिये काम कर रही संस्थाओं और शासकीय विभागों से समन्वय स्थापित कर कार्य करने की अपेक्षा की है तथा ऐसे बच्चों के मौलिक अधिकारों के संरक्षण के लिए बनाये गये कानूनों का व्यापक प्रचार-प्रसार पर जोर दिया है ।
      श्री यादव आज बुधवार को कलेक्टर कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित जिला बाल संरक्षण समन्वय समिति की बैठक को संबोधित कर रहे थे ।  इस बैठक में जिला बाल कल्याण समिति के अध्यक्ष डॉ. मनीष पांडे, विभिन्न संस्थाओं के प्रतिनिधि, जिला कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास, जिला शिक्षा अधिकारी, प्रभारी संयुक्त संचालक सामाजिक न्याय आदि मौजूद थे ।
      कलेक्टर ने बैठक में बाल अधिकारों के संरक्षण के लिए बनाये गये अधिनियमों के तहत दर्ज प्रकरणों तथा उन पर की गई कार्यवाही के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त की । उन्होंने समेकित बाल संरक्षण योजना अंतर्गत संचालित बाल गृह एवं आश्रमों की गतिविधियों का ब्यौरा भी लिया । श्री यादव ने शिक्षा, आदिम जाति कल्याण एवं सामाजिक न्याय विभाग के अंतर्गत ऐसे सभी छात्रावास, आश्रमों और संस्थाओं का किशोर न्याय अधिनियम के तहत पंजीयन कराने के निर्देश दिये, जहां अनाथ, परित्यक्त तथा देखरेख एवं संरक्षण योग्य बच्चे निवासरत हैं ।
      श्री यादव ने अशासकीय संस्थाओं द्वारा संचालित गृहों में स्थान न होने की स्थिति में बाल कल्याण समिति की अनुशंसा पर विशेष आवश्यकता वाले दिव्यांग बच्चों को सामाजिक न्याय विभाग की संस्थाओं में रखने के निर्देश भी बैठक में दिये । उन्होंने बेसहारा और अनाथ बच्चों के पुनर्वास के लिए चलाई जा रही फास्टर केयर योजना एवं स्पांसरशिप योजना का व्यापक प्रचार-प्रसार करने तथा ऐसे बच्चों के पालन-पोषण एवं देखरेख की जिम्मेदारी लेने के इच्छुक लोगों को चिन्हित करने एवं उनकी कार्यशाला बुलाने की आवश्यकता भी बताई ।
      कलेक्टर ने बैठक में शासकीय एवं अशासकीय संस्थाओं में निवासरत 18 वर्ष से अधिक उम्र के बेसहारा, अनाथ एवं परित्यक्त बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने के लिए उनकी योग्यता के मुताबिक विभिन्न व्यावसायिक पाठ्यक्रमों में प्रवेश दिलाने के निर्देश भी अधिकारियों को दिये । श्री यादव ने 18 वर्ष से अधिक आयु की बेसहारा और अनाथ बच्चियों को वर्तमान में यहां संचालित बाल गृहों एवं आश्रमों में रखने में आ रही कानूनी अड़चनों के मद्देनजर इनकी देखरेख और संरक्षण के लिए जबलपुर में ऑफ्टर केयर होम की स्थापना का प्रस्ताव शासन के समक्ष भेजे जाने के निर्देश भी अधिकारियों को बैठक में दिये ।
      श्री यादव ने जिला बाल संरक्षण समन्वय समिति की आगामी बैठकों में बाल कल्याण अधिकारी बनाये गये पुलिस अधिकारियों की अनिवार्य रूप से मौजूदगी सुनिश्चित करने की हिदायत भी दी । उन्होंने सभी पुलिस थानों में बाल कल्याण अधिकारी, चाइल्ड केयर एवं किशोर न्याय बोर्ड के फोन नंबर प्रदर्शित करने के निर्देश भी दिये ।  कलेक्टर ने भिक्षावृत्ति एवं नशा करने वाले बच्चों को श्रम विभाग द्वारा बाल श्रमिकों के पुनर्वास हेतु चलाई जा रही योजनाओं का लाभ दिलाये जाने पर जोर दिया ।
      कलेक्टर ने ऐसी सभी संस्थाओं के विरूद्ध कड़ी कार्यवाही की चेतावनी भी बैठक में दी जो रेल्वे स्टेशन या अन्य आवागमन वाले स्थानों पर भटकते पाये गये बेसहारा, अनाथ एवं परित्यक्त बच्चों को देर रात अपने यहां रखने से इंकार कर देती हैं । श्री यादव ने बाल गृहों एवं आश्रमों में निवासरत बच्चों की गृह वापसी के प्रकरणों पर भी समिति के सदस्यों के साथ विचार-विमर्श किया गया और इस दिशा में हुए कार्य की सराहना भी बैठक में की ।

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