पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर को कूलिंग ऑफ पीरियड से मुक्ति, टाटा ग्रुप में बने बड़े अफसर

मुंबई  पूर्व विदेश सचिव एस. जयशंकर को नौकरशाहों के लिए निर्धारित 'कूलिंग ऑफ पीरियड' से छूट मिल गई है और टाटा समूह ने उन्हें अपने वैश्विक कॉरपोरेट मामलों का अध्यक्ष नियुक्त किया है। इस नियुक्ति की घोषणा करते हुए टाटा संस ने कहा कि जयशंकर एन. चंद्रशेखरन को रिपोर्ट करेंगे, जो टाटा संस के अध्यक्ष हैं।
पिछले हफ्ते, आईएएनएस ने यह जानकारी दी थी कि इस साल 28 जनवरी को रिटायर हुए जयशंकर ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को नौकरशाहों के लिए निर्धारित 'कूलिंग ऑफ पीरियड' से छूट के लिए पत्र लिखकर गुजारिश की थी, क्योंकि उन्हें टाटा की तरफ से पद की पेशकश की गई थी। अपनी नई भूमिका में जयशंकर टाटा समूह के वैश्विक कार्पोरेट मामलों और अंतरराष्ट्रीय रणनीति बनाने का काम देखेंगे। 

टाटा संस के अंतर्राष्ट्रीय कार्यालय उन्हें रिपोर्ट करेंगे। चंद्रशेखरन ने कहा, 'टाटा समूह में जयशंकर का स्वागत करते हुए मुझे खुशी हो रही है। अंतरराष्ट्रीय मामलों पर उनका व्यापक अनुभव और ज्ञान समूह के लिए बहुत मूल्यवान होगा, क्योंकि हम वैश्विक स्तर पर अपने ब्रैंड और नेतृत्व को मजबूत बनाने के लिए काम करते हैं।' जयशंकर ने कहा, 'टाटा समूह एक प्रतिष्ठित संस्थान है, जो अपने मूल्य आधारित नेतृत्व के साथ-साथ वैश्विक रूप से सबसे प्रतिष्ठित भारतीय ब्रैंड है। मैं टाटा समूह का हिस्सा बनकर खुश हूं।' 

जयशंकर 1977 में भारतीय विदेश सेवा से जुड़े थे। जयशंकर जनवरी 2015 से जनवरी 2018 के दौरान विदेश सचिव रहे। वह सिंगापुर में उच्चायुक्त, चीन और अमेरिका में भारत के राजदूत भी रह चुके हैं। 

क्या होता है कूलिंग ऑफ पीरियड? 
कूलिंग ऑफ पीरियड वह वक्त होता है जिसके अंदर कोई रिटायर ब्यूरोक्रेट किसी वाणिज्यिक संस्थान को जॉइन नहीं कर सकता है। केंद्र सरकार ने दिसंबर 2015 में नौकरशाहों के लिए कूलिंग ऑफ पीरियड की मियाद आधी कर एक साल कर दी थी। केंद्रीय कार्मिक मंत्रालय के नियम के मुताबिक, भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) और भारतीय पुलिस सेवा (आईपीएस) समेत सिविल सर्विसेज ऑफिसर्स के लिए सरकारी सेवा से हटने के बाद सिर्फ एक साल के अंदर प्राइवेट कंपनियां जॉइन करने से पहले केंद्र सरकार से अनुमति लेना अनिवार्य रह गया है। 

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