कर्नाटक चुनाव तारीख ‘लीक’ मामला: कांग्रेस ने अमित मालवीय पर की FIR दर्ज करने की मांग

कर्नाटक विधानसभा चुनाव का बिगुल बज चुका है। मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने मंगलवार (27 मार्च) को दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान चुनाव तारीखों का ऐलान किया। आयोग के मुताबिक कर्नाटक विधानसभा के चुनाव एक चरण में 12 मई को होंगे और मतगणना 15 मई को की जाएगी। इसके साथ ही राज्य में आदर्श चुनाव आचार संहिता तत्काल प्रभाव से लागू हो गयी है। आयोग के अनुसार चुनाव के लिए अधिसूचना 17 अप्रैल को जारी की जाएगी।
नामांकन पत्र 24 अप्रैल तक भरे जा सकेंगे और नामांकन पत्रों की जांच 25 अप्रैल को की जाएगी। नाम वापसी की आखिरी तिथि 27 अप्रैल होगी। आयोग ने बताया कि इस चुनाव में सभी सभी इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीनें (ईवीएम) के साथ वोटर वेरिफायेबल पेपर ऑडिट ट्रेल (वीवीपीएटी) का इस्तेमाल किया जाएगा। मुख्‍य चुनाव आयुक्‍त ओपी रावत ने बताया कि एक उम्‍मीदवार चुनाव प्रचार में 28 लाख रुपये खर्च कर सकता है और पार्टी के चुनाव प्रचार पर खर्च की कोई सीमा नहीं है।
BJP नेता ने पहले ही कर दी तारीखों की घोषणा
हालांकि मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत की प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान एक नया विवाद भी पैदा हो गया। दरअसल, चुनाव आयोग द्वारा औपचारिक ऐलान से पहले ही भारतीय जनता पार्टी (BJP) के आईटी हेड अमित मालवीय ने कर्नाटक विधानसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दी। मालवीय ने ट्वीट कर कहा कि 12 मई 2018 को चुनाव होंगे और मतगणना 18 मई को होगा। हालांकि विवाद बढ़ने पर अमित मालवीय ने ट्वीट डिलीट कर दिया।
लेकिन डिलीट के बावजूद मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत के चुनाव की तारीखों के ऐलान के लिए बुलाई गई प्रेस कॉन्फेंस उनके लिए शर्मिंदगी की वजह बन गई। रावत कर्नाटक की चुनाव की तारीखों की जानकारी दे ही रहे थे तभी उन्हें पत्रकारों ने बीच में रोक दिया और कहा कि आपने तो तारीखें नहीं बताई लेकिन बीजेपी के आईटी सेल के मुखिया अमित मालवीय पहले ही तारीखों को लेकर ट्वीट कर चुके हैं।
जिस पर चुनाव आयुक्त हक्के बक्के रह गए और उनका चेहरा लाल हो गया। रावत ने वहां बैठे तुरंत अपने अधिकारियों से कहा कि ये क्या हो रहा है इस पर सभी अधिकारी बगले झांकने लगे और पत्रकार हमलावर तेवर में आ गए। रावत ने वहां मौजूद प्रेस से अपील करते हुए कहा कि पहले उन्हें सुन लिया जाए। लेकिन चुनाव की खबरे लीक होने से प्रेस कांफ्रेस में सनसनी सी फैल गई।
सारे पत्रकार इस बात पर गहरा आश्चर्य करने लगे कि आखिर चुनाव आयोग की घोषणा से पहले यह खबर कैसे लीक हो गई। इसके बाद मुख्य चुनाव आयुक्त ओपी रावत ने कहा कि चुनाव की तिथियों की खबर लीक होने की जांच करेगा और इस संबंध में दोषी व्यक्तियों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाएगी। रावत कहा कि वह इस मामले की जांच कराएंगे तथा जो भी कानूनी तथा प्रशासनिक कार्रवाई संभव होगी वह सख्त से सख्त तरीके से की जाएगी।

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