घर में कूड़ेदान के साथ करें ये प्रयोग, जानें कैसे पड़ता है आप पर वास्तु का प्रभाव

एक साफ-सुथरे माहौल में रहना भला किस इंसान को अच्छा नहीं लगता और अगर यही साफ-सफाई आपको और आपके घर को सुख-समृद्धि लाकर दे तो भला इससे अच्छा और क्या होगा। इसमें मदद करता है वास्तु। जैसा कि हम सभी जानते हैं कि वास्तु कोई उपचार नहीं बल्कि एक व्यवस्था है। प्रकृतिनुकूल वास्तु को व्यवस्थित करना ही वास्तु उपचार है। वास्तु को सकारात्मक करने की प्रक्रिया ही वास्तु शोधन है। 


वास्तु हमें पूर्ण रूप से नियंत्रित करता है इसलिए स्वच्छता का नियंत्रण भी वास्तु द्वारा नियंत्रित किया जा सकता है। वास्तु तीन परिवेशों में काम करता है-प्रथम आवास में, द्वितीय व्यवसाय में और तृतीय समाज में। 


जब हम स्वच्छता की बात करते हैं वहां दो विषय वस्तुओं का संकलन होता है। प्रथम गंदगी या कूड़ा और दूसरा सफाई में उपयोग होने वाले उपकरण। दोनों की व्यवस्था अगर गलत है तो हम चाह कर भी स्वच्छ रहने में असमर्थ हो जाएंगे। अत: आवश्यक है कि हम इन दोनों को व्यवस्थित करें।


दिशा का प्रभाव
वास्तु में स्थान और दिशाओं का समन्वय ही परिणाम को परिलक्षित करता है। अत: हम गंदगी या कूड़े को नियंत्रित करने के लिए एक स्थान का चयन करते हैं जहां उपकरण व कूड़े की व्यवस्था की जाती है। वास्तु अनुसार भिन्न-भिन्न स्थानों पर रखे गए कूड़ेदान और उपकरणों के भिन्न-भिन्न परिणाम हमें देखने को मिलते हैं।
आपके परिसर के उत्तरी भाग में रखे गए कूड़ेदान व उपकरण अधिक उपयोग होंगे और वे घर में गंदगी या कूड़े की स्थिति को न्यूनतम कर देंगे।


घर के पूर्वी भाग में रखे गए कूड़ेदान व उपकरण आपको सफाई के लिए प्रेरित करते रहेंगे तथा कूड़े की निकासी भी जल्द हो जाएगी जिससे आपका घर स्वच्छ और सुंदर दिखता रहेगा।  


तीसरा स्थान दक्षिण दिशा है जिसमें रखा हुआ कूड़ेदान व उपकरण आपके नियंत्रण से बाहर रहेंगे। परिणाम स्वरूप आपका घर बिखरा रह सकता है, वहां सफाई होने में विघ्न आ सकते हैं। अगर सफाई कर्मचारी आपके घर में कार्य करते हैं तो वे भी सफाई करने में अक्षम नजर आएंगे जो आपके घर में गंदगी को बढ़ावा देंगे।


चौथा स्थान है पश्चिम दिशा इसके प्रभाव भी दक्षिण दिशा की तरह ही कुछ कम मात्रा में मिलते हैं परन्तु मिलते जरूर हैं। उत्तर-पश्चिम दिशा में रखा कूड़ेदान व उपकरण प्रयोग में नहीं आएंगे या यूं कहें कि कम प्रयोग में आएंगे जिससे घर में कूड़े की निकासी कम होगी और अगर सफाई कर्मचारी आप के यहां सफाई करता है तो वह भी दक्षिण दिशा की तरह कार्य से विमुख हो सकता है। अत: हमें कूड़ेदान व सफाई उपकरणों के लिए उत्तर से पूर्व दिशा तक स्थान का प्रयोग करना चाहिए इसकी प्रमाणिकता के लिए आपको किसी शास्त्र को पढऩे की आवश्यकता नहीं अपितु यह प्रयोग अपने घर में स्वयं कर इसकी प्रमाणिकता को परखा जा सकता है जिससे आपका जीवन सुखद समृद्ध और स्वस्थ हो उन्नति की ओर अग्रसर होगा।

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