SDPI से फंड पर बोले जिग्नेश- आतंकियों से संबंध तो अब तक कार्रवाई क्यों नहीं?

गुजरात चुनाव में भारतीय जनता पार्टी के लिए चुनौती बनी युवाओं की तिकड़ी में से एक जिग्नेश मेवाणी ने अपने ऊपर लगे फंडिंग के गंभीर आरोपों पर जवाब दिया है. मेवाणी ने दावा किया है कि बीजेपी हार के डर से वोटर्स के ध्रुवीकरण के लिए ऐसे सांप्रदायिक कार्ड खेल रही है.

दरअसल, बीजेपी ने जिग्नेश मेवाणी पर राष्ट्रविरोधी ताकतों से चुनाव के लिए फंड लेने का आरोप लगाया था. बीजेपी का ये आरोप तब सामने आया था जब उनके सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (SDPI) से 50 हजार का चेक लेने की बात सामने आई थी. SDPI का ताल्लुक पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया से है, जिसके सदस्यों पर इस्लामिक स्टेट के साथ जुड़े होने के आरोप लगे हैं और वो राष्ट्रीय जांच एजेंसी के रडार पर है.

बीजेपी ने गंभीर आरोपों पर दलित नेता जिग्नेश मेवाणी ने न्यूज एजेंसी को बताया कि हार के डर से बीजेपी विकास का झूठा दिखावा बंद करने को मजबूर होकर मतदाताओं के ध्रुवीकरण के लिए सांप्रदायिक कार्ड चल रही है. उत्तरी गुजरात के वडगाम से कांग्रेस के समर्थन से निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर किस्मत आजमा रहे मेवाणी ने अपनी सफाई में बीजेपी अध्यक्ष अमित शाह के बेटे को भी निशाने पर लिया.

मेवाणी ने कहा कि सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया से फंड लेने पर बीजेपी सांप्रदायिक आधार पर उन पर निशाना साध रही है, लेकिन पार्टी को अपने अध्यक्ष अमित शाह के बेटे जय शाह की दौलत में बेतहाशा वृद्धि की वजह बतानी चाहिए.

मेवानी ने कहा, 'क्या एसडीपीआई का किसी आतंकी संगठन या जिहादी समूह से कोई लेना-देना है, तो फिर क्यों अमित शाह, राजनाथ सिंह या नरेंद्र मोदी इतने साल तक चुप क्यों रहे? उन्होंने मुझे 50 हजार रुपये का चेक दिया. क्या इस पर सवाल उठना चाहिए या जय शाह की कमाई में 16 हजार गुना बढ़ोतरी पर?'

ये चाल नहीं आएगी काम

जिग्नेश ने ये भी कहा कि बीजेपी पिछड़ रही है और इस तरह की चाल काम नहीं आएगी. उन्होंने कहा कि गुजरात की जनता जानती है कि जिग्नेश निष्कलंक और ईमानदारी वाला व्यक्ति है. उन्होंने कहा, 'मुझे जीत का भरोसा है और गुजरात में विकास का मुद्दा पीछे चला गया है और बीजेपी अब अपना असल रंग दिखा रही है.'

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