मोदी ने देश के पहले ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ आयुर्वेद का किया इनॉगरेशन

नई दिल्ली.नरेंद्र मोदी ने दूसरे आयुर्वेद दिवस के मौके पर मंगलवार को दिल्ली में देश के पहले अखिल भारतीय आयुर्वेद संस्थान (AIIA) का इनॉगरेशन किया। राजधानी के सरिता विहार इलाके में इसे ऑल इंडिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंस (AIIMS) की तर्ज पर बनाया गया है।  इस मौके पर मोदी ने कहा, "साथियों, आयुर्वेद को बढ़ाने के लिए देश के हर जिले में अच्छी सुविधाओं से लैस एक आयुर्वेदिक अस्पताल जरूर होगा। आयुष मंत्रालय ने इसकी शुरुआत कर दी है।"
- "मेरी आप सबको शुभकामनाएं हैं कि वेलनेस का ऐसा माहौल बने कि आपको यहां तक आने की नौबत ना आए। आज इस इंस्टीट्यूट से आयुर्वेद को नई ऊर्जा मिल रही है। यह संस्थान रिसर्च और हेल्थ प्रैक्टिस का केंद्र बनेगा।"
आयुर्वेद पढ़ते हैं तो उसमें भरोसा भी रखें
- मोदी ने कहा, "मुझे बताएं कि आज जो स्टूडेंट्स आयुर्वेद पढ़कर निकलते हैं। कितनों की 100% श्रद्धा आयुर्वेद में है। जब कोई मरीज आता है तो कहता है यार जल्दी ठीक हो जाऊं इसके लिए एलोपैथिक ही दे दो। बाहर बोर्ड तो आयुर्वेद का लगा होता है, लेकिन अंदर इलाज होने लगता है अंग्रेजी।"
- "एक कहानी है कि एक बार किसी ने नौकर से पूछा मालिक कहां गए तो उसने कहा वो तो आगे वाले रेस्टोरेंट में खाने गए हैं। मुझे बताएं कि उसके रेस्टोरेंट में कौन खाने आएगा। यही हाल आयुर्वेद का है। जब डॉक्टर्स ही अपने इलाज के लिए एलोपैथिक डॉक्टर से सामने लाइन में खड़े रहेंगे तो कौन उनसे इलाज कराएगा।"
हर कोर्स के लिए मिले अलग सर्टिफिकेट
- मोदी ने कहा, "आयुर्वेद के अलावा फिजियोथैरिपी में भी बड़ा स्कोप है। आजकल तो खिलाड़ियों के साथ कई बड़े लोग अपने पर्सनल फिजियो रखते हैं। 4 साल तक बीएएमएस की पढ़ाई के दौरान स्टूडेंट्स को आयुर्वेद, योग, पंचकर्म समेत कई कोर्स पढ़ाए जाते हैं। मैं सोचता हूं कि उन्हें हर कोर्स के लिए अलग सर्टिफिकेट दिया जाए] ताकि वो डिग्री के साथ-साथ अपनी प्रैक्टिस शुरू कर सकें।"
आयुर्वेद का टॉप इंस्टीट्यूट होगा
- पहले फेज में इस इंस्टीट्यूट को 10 एकड़ में बनाया गया है। इसे तैयार करने में 157 करोड़ रुपए की लागत आ रही है। इसे एक्रीडिएशन बोर्ड ऑफ हॉस्पिटल (NABH) से मंजूरी मिली हुई है। इस इंस्टीट्यूट में एक एकेडमिक ब्लॉक भी है।
पिछले साल ही शुरू हुआ आयुर्वेद दिवस
- देश में पहला आयुर्वेद दिवस पिछले साल मनाना गया था। धन्वंतरि जयंती के मौके पर मोदी सरकार ने इसकी शुरू की।
- इसका मकसद भारत के पारंपरिक आयुर्वेदिक इलाज को बढ़ावा देना है। धन्वंतरि को आयुर्वेद का देवता माना जाता है।

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