कांग्रेस ने हमारी 5 में से 4 मांगें मानीं, वो राजद्रोह के केस भी वापस लेगी: हार्दिक

भावनगर. कांग्रेस और पाटीदार नेताओं के बीच सोमवार को मीटिंग हुई। हार्दिक पटेल मीटिंग में तो शामिल नहीं हुए लेकिन बाद में मीडिया से बात उन्होंने ही की। कहा- कांग्रेस ने हमारी पांच में से चार मांगें मान ली हैं। आरक्षण को कांग्रेस ने टेक्निकल मुद्दा बताया है। ये भरोसा दिलाया है कि वो इस पर विचार करेगी। इसके पहले 28 अक्टूबर को हार्दिक ने कांग्रेस को 3 नवंबर तक का अल्टीमेटम देते हुए कहा था वो पाटीदारों को आरक्षण के मुद्दे पर अपना नजरिया साफ करे। बता दें कि गुजरात में 9 और 14 दिसंबर को दो फेज में असेंबली इलेक्शन होने हैं। नतीजे 18 दिसंबर को आएंगे।
हार्दिक ने पांचों मांगों के बारे में क्या बताया
- हार्दिक पटेल ने कहा- "कांग्रेस ने 5 में से 4 मुद्दे स्पष्ट किए। पहला- कांग्रेस ने कहा कि आंदोलन के वक्त पाटीदारों के खिलाफ दर्ज राजद्रोह के केस वापस लेंगे। दूसरा- बीजेपी ने 35 में से 20 लाख रुपए सिर्फ कुलदेवी के मंदिर को दिए। जबकि पहले पाटीदार आंदोलन में शहीद हुए हर शख्स के परिवार को 35 लाख रुपए देने की बात तय हुई थी। कांग्रेस ने हमसे कहा है कि वो आंदोलन में शहीद हुए हर शख्स के परिवार को 35 लाख रुपए देगी। अगर उस फैमिली में कोई नौकरी में जाने लायक हुआ तो एक शख्स को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी।"
- "तीसरा- हमारे ऊपर गोली और लाठी चलाई उसके दोषी अफसरों पर क्या एक्शन होगा? बीजेपी ने सीआईडी जांच का झांसा दिया। कांग्रेस ने हमसे कहा कि अगर उनकी (कांग्रेस की) सरकार बनती है, तो जिन लोगों ने गोली या लाठी चलाई। हम उस पर जांच समिति बनाएंगे। इसमें राज्य के काबिल और ईमानदार अफसर होंगे।"
बाकी दो मुद्दे
- हार्दिक के मुताबिक, "हमारे नेताओं को कांग्रेस से बातचीत में यकीन दिखा। फिलहाल, हम कांग्रेस पर विश्वास कर सकते हैं। हम ये भी जानते हैं कि हमें भरोसा करना ही होगा क्योंकि अभी तो कांग्रेस सत्ता में नहीं है। कई साल से बीजेपी सरकार चला रही है।" 
- “चौथा- आरक्षण पर कांग्रेस ने कहा कि ये टेक्निकल मुद्दा है। उनका कहना है कि अगर वो सत्ता में आते हैं, हमें आरक्षण देते हैं तो इसे कोर्ट खारिज कर सकता है। तब क्या होगा? इसलिए, वो संविधान के दायरे में आना चाहिए। बीजेपी ने ईबीसी से जो दिया, वो कोर्ट ने खारिज कर दिया। कांग्रेस ने कहा कि हम इस मुद्दे पर सर्वे कराएंगे।"
- "पांचवामुद्दा था बीजेपी ने हमारे लिए आयोग बनाया। इसका सिर्फ नोटिफिकेशन जारी हुआ। कोई कानून नहीं बनाया गया। कांग्रेस ने कहा है कि हमारी सरकार बनाती तो 600 करोड़ के इस आयोग को 2 हजार करोड़ तक ले जाएंगे। इसे संवैधानिक आधार पर लागू किया जाएगा। इसका सेंट्रल दर्जा होगा। अभी ये स्टेट का मामला होता है।"
क्या कांग्रेस पाटीदारों को ओबीसी का दर्जा दिलाने को तैयार है
- हार्दिक के पहले सोमवार सुबह सीएम विजय रूपाणी ने कहा था, "हार्दिक को बताना चाहिए कि कांग्रेस उनकी कम्युनिटी को क्या ओबीसी का दर्जा दिलाने को तैयार है। अगर कांग्रेस आर्थिक आधार पर आरक्षण की बात करती है तो बीजेपी पहले ही ऐसा कर चुकी है।"
- हार्दिक पटेल ने शनिवार को कांग्रेस को अल्टीमेटम दिया था। हार्दिक ने कहा था, "3 नवंबर तक कांग्रेस ये बताए कि संवैधानिक आरक्षण कैसे देगी।" उन्होंने ट्वीट किया, "कांग्रेस इस मुद्दे पर अपना स्टैंड क्लियर कर दे, नहीं तो अमित शाह जैसा मामला सूरत में होगा।" हार्दिक ने सूरत का जिक्र इसलिए किया, क्योंकि वहां अमित शाह की रैली के दौरान पाटीदारों ने शाह के विरोध में नारे लगाए थे और हंगामा किया था। 3 नवंबर को राहुल गांधी भी सूरत पहुंचने वाले हैं।
कांग्रेस ने हार्दिक पटेल को दिया था न्योता
- गुजरात कांग्रेस ने हार्दिक पटेल को विधानसभा चुनाव में मिलकर बीजेपी के खिलाफ लड़ने की बात कही थी। इसके बाद राहुल गांधी से हार्दिक की अहमदाबाद के होटल में मुलाकात की बात सामने आई। इस होटल के सीसीटीवी फुटेज भी सामने आए, जिसमें हार्दिक एक बैग लेकर जाते दिख रहे थे।
- इस पर हार्दिक ने कहा था, "राहुल गांधी कोई आतंकवादी नहीं हैं कि उनसे छिपकर मिलने जाना पड़े। जब उनसे मिलना होगा तो खुलेआम मिलेंगे।"
गुजरात इलेक्शन: कौन, किसके साथ?
- छोटू भाई वासवा:झगड़िया विधानसभा से JDU के एमएलए हैं। शनिवार (28 अक्टूबर) को राहुल गांधी से मुलाकात के बाद कहा- कांग्रेस के साथ मिलकर इलेक्शन लड़ेंगे और जीतेंगे।
- अल्पेश ठाकोर:OBC लीडर हैं। वे 23 अक्टूबर को कांग्रेस में शामिल हुए।
- रेशमा और वरुण पटेल:दोनों पाटीदार नेता हार्दिक पटेल के करीबी माने जाते हैं। 23 अक्टूबर को अमित शाह से मुलाकात के बाद BJP में शामिल हुए।

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