गूगल ने 'सेल्फ ड्राइविंग' टेक्नोलॉजी पर खर्च किए 70 अरब रुपये

टेक्नोलॉजी के मामले में गूगल हर दिन बड़ी बड़ी कंपनियों को पीछे छोड़ते हुए तेज़ी से आगे बढ़ रहा है. गूगल के फ्लैगशिप प्रोजेक्ट सेल्फ ड्राइविंग कार को लेकर एक बड़ी जानकारी सामने आई है.

गूगल हालांकि यह जानकारी साझा करने से बचती रही है कि उसने 'सेल्फ ड्राइविंग' तकनीक पर कितना खर्च किया है. लेकिन गूगल के वेमो और उबर के बीच चल रही कानूनी लड़ाई के दस्तावेजों की समीक्षा से यह जानकारी सामने आ गई है कि गूगल ने इस प्रोजेक्ट पर 1 अरब डॉलर से भी ज्यादा खर्च किया है.

गूगल ने सेल्फ ड्राइविंग सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर पर भारी-भरकम 1.1 अरब डॉलर से ज़्यादा यानि 70 अरब रुपये की रकम खर्च की है. यह जानकारी शॉन बानानजादेह के दिए गए बयान से मिली है, जो वेमो के वित्तीय विश्लेषक हैं.

बानानजादेह उबर के खिलाफ वेमो के चल रहे मुकदमे में गवाही दे रहे हैं. इसमें वेमो ने दावा किया है कि उबर ने अपनी सेल्फ ड्राइविंग तकनीक विकसित करने के लिए गूगल की कंपनी के बौद्धिक संपदा और व्यापार रहस्यों को चुराया है.
पिछले महीने उबर और गूगल के इस मुकदमे में अदालत ने अल्फाबेट के मुख्य कार्यकारी अधिकारी लैरी पेज को गवाही के लिए सम्मन भेजा था. वेमो ने उबेर के खिलाफ साल 2017 की शुरूआत में मुकदमा दायर किया था और कहा था कि चुराई गई जानकारी के आधार पर ही कंपनी ने सेल्फ ड्राइविंग कार पर काम करना शुरू किया है.

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