GST: नहीं माना ये नियम तो जाना पड़ सकता है जेल

नई दिल्ली: उपभोक्ता मामलों के मंत्री राम विलास पासवान ने कम्पनियों को चेतावनी दी कि गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जी.एस.टी.) लागू होने के बाद दरें प्रकाशित नहीं की जाती हैं तो कम्पनियों को जेल की सजा के साथ 1 लाख रुपए तक का जुर्माना हो सकता है। मैन्युफैक्चरर्स को नई अधिकतम खुदरा मूल्य (एम.आर.पी.) के साथ अनसोल्ड स्टॉक्स को सितम्बर तक क्लीयर करने की अनुमति दी गई है।

पासवान ने कहा कि जी.एस.टी. पर कंज्यूमर की शिकायतों के समाधान के लिए एक समिति गठित की गई है और टैक्स से संबंधित जानकारी के लिए हैल्पलाइन्स की संख्या 14 से बढ़ाकर 60 कर दी गई है। अभी तक कंज्यूमर हैल्पलाइन्स पर 700 से ज्यादा शिकायतें मिली हैं। उन्होंने बताया कि जी.एस.टी. लागू होने के बाद कुछ शुरूआती दिक्कतें आई हैं, लेकिन जल्द ही उनका हल निकाल लिया जाएगा। वित्त और उपभोक्ता मामलों सहित सभी संबद्ध मंत्रालय सतर्क हैं।

जी.एस.टी. में फ्रॉड पर यह होगी सजा

जी.एस.टी. के प्रोविजंस के मुताबिक आप अगर टैक्स चोरी या फ्रॉड करते हैं, तो आपको 5 साल तक जेल की सजा भी हो सकती है। सरकार जी.एस.टी. से जुड़े कई और कानून भी पास करने जा रही है। इसके तहत अगर आप जरूरी चीजों की राशनिंग करते हैं तो भी आपको सजा होगी। जी.एस.टी. मॉडल ड्राफ्ट में मिनिमम 10 हजार रुपए की पनैल्टी से लेकर 5 साल जेल तक की सजा का प्रोविजन है। हालांकि जेल की सजा मुकद्दमा चलाए जाने के बाद ही हो सकती है।

चिपकाए जाएं नए एम.आर.पी. के स्टिकर

उन्होंने कहा कि जी.एस.टी. रेजीम के अंतर्गत कुछ गुड्स की कीमतें गिरी हैं और कुछ की बढ़ी हैं। उन्होंने कहा कि हमने कम्पनियों को अनसोल्ड गुड्स पर रेट फिर से प्रिंट करने के लिए कह दिया है। नई एम.आर.पी. के स्टिकर्स चिपका दिए जाने चाहिएं जिससे कंज्यूमर्स को जी.एस.टी. के बाद रेट्स में बदलाव की जानकारी मिल जाए। उन्होंने चेतावनी दी कि इन्वैंट्री पर रिवाइज इन्वैंट्री प्रिंट करना अनिवार्य है, अन्यथा पैकेज्ड कमोडिटीज रूल्स के उल्लंघन पर उनके खिलाफ  सख्त कार्रवाई की जाएगी।

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