केजरीवाल के गले की हड्डी बने राम जेठमलानी

केंद्रीय वित्त मंत्री अरुण जेटली के मानहानि मुकदमे के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की ओर से केस लड़ चुके राम जेठमलानी अब केजरीवाल के लिए ही मुसीबत बन गए हैं. केजरीवाल का लड़ने से मना कर चुके जेठमलानी एक के बाद एक लेटर बम फोड़ रहे हैं.
28 जुलाई को जेठमलानी ने केजरीवाल को एक और पत्र लिखा है, जिसमें उन्होंने साफ कहा है कि वे 20 जुलाई को केजरीवाल को लिखे अपने पत्र को वेबसाइट पर सार्वजनिक कर रहे हैं. इसका इस्तेमाल अरुण जेटली जैसे चाहें वैसे (कानूनन भी) कर सकते हैं.
जेठमलानी की ओर से इस पत्र को सार्वजनिक करने से केजरीवाल की दिमागी टेंशन बढ़ना लाजिमी है. जेठमलानी ने पत्र में न केवल अपनी फीस की मांग की है. बल्कि उन पर और आम नेताओं पर अरुण जेटली के खिलाफ अपमानजनक शब्द इस्तेमाल करने का भी आरोप लगाया है.
जेठमलानी ने पत्र में लिखा है कि वे केजरीवाल के पक्ष में अब वकील के रूप में सेवा नहीं देंगे. उनकी फीस अदा कर दी जाए. उन्होंने लिखा कि जब जेटली ने पहली बार केजरीवाल पर मानहानि मुकदमा किया था तब केजरीवाल उनसे मदद मांगने आए थे.
तब जेठमलानी, केजरीवाल के वकील के तौर पर केस लड़े. सुनवाई के दौरान उन्होंने केजरीवाल के ही शब्दों को अरुण जेटली के खिलाफ कोर्ट में बोल दिया और अरुण जेटली ने दोबारा मुकदमा कर दिया. जेठमलानी ने कहा कि अरविंद सैकड़ों बार जेटली को ‘क्रुक’ बोल चुके हैं.
जेठमलानी ने पत्र में लिखा है कि उन्होंने केजरीवाल का पहला केस लड़ा है उसकी फीस दे दी जाए, दूसरे मुकदमे की फीस वह नहीं मांग रहे हैं. इसके साथ ही जेठमलानी ने पत्र में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ अपने बेहतर रिश्तों और उनकी ईमानदारी के बारे में भी बताया है.

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