जबलपुर। कलेक्टर्स-कमिश्नर्स कॉन्फ्रेंस के दूसरे दिन जबलपुर जिला प्रशासन द्वारा किए गए राजस्व विभाग के रिकॉर्ड रूम के नवीनीकरण को राज्यभर में उपयोगी और अनुकरणीय नवाचार के रूप में सराहा गया। इस पहल ने जनसामान्य के लिए राजस्व रिकॉर्ड देखने और प्राप्त करने की प्रक्रिया को पूरी तरह से बदल दिया है।
आयुक्त जनसंपर्क एवं तत्कालीन कलेक्टर जबलपुर दीपक सक्सेना ने सम्मेलन में एक लघु फिल्म के माध्यम से इस मॉडल की प्रस्तुति दी। उन्होंने बताया कि अब जबलपुर का नवीनीकृत राजस्व अभिलेखागार किसी बैंक के लॉकर रूम जैसा सुसज्जित और व्यवस्थित है। इस परिवर्तन से नागरिकों और कर्मचारियों दोनों को गंदे, बदबूदार और बेतरतीब रिकॉर्ड रूम से मुक्ति मिली है।
अब हर राजस्व रिकॉर्ड सुरक्षित, पारदर्शी और डिजिटल रूप से खोजने योग्य है। तैयार किए गए डिजिटल पोर्टल पर कुछ एंट्रियों के माध्यम से पता चल जाता है कि कौन-सा रिकॉर्ड किस रैक, शेल्फ और बॉक्स नंबर में रखा है। आवेदक घर बैठे यह जानकारी ऑनलाइन प्राप्त कर सकता है या रिकॉर्ड रूम के बाहर लगे कियोस्क से भी रिकॉर्ड की लोकेशन जान सकता है।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने जबलपुर प्रवास के दौरान इस नवाचार को देखकर जिला प्रशासन की पहल की सराहना की थी और इसे जनसामान्य के जीवन को आसान बनाने वाली पहल बताया था।
आयुक्त सक्सेना ने बताया कि पारंपरिक रूप से राजस्व विभाग के रिकॉर्ड रूम की स्थिति अत्यंत अव्यवस्थित रहती थी। “बस्तों में दम तोड़ती फाइलें” केवल कुछ बाबुओं या भृत्यों तक सीमित जानकारी में रहती थीं। नागरिकों को अपने ही राजस्व रिकॉर्ड तक पहुंचने में कठिनाई होती थी।