देश की ऊर्जा आपूर्ति पर संकट: इंडियन ऑयल की 25 यूनियनों ने 7 अक्टूबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल का ऐलान किया

 


देश की ऊर्जा आपूर्ति पर बड़ा संकट मंडराने लगा है। इंडियन ऑयल कॉरपोरेशन (IOC) की 25 यूनियनों ने 7 अक्टूबर को राष्ट्रव्यापी हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया है। यूनियनों का कहना है कि अब उनकी सहनशीलता की सीमा समाप्त हो चुकी है। यदि प्रबंधन और सरकार ने समय रहते ठोस आश्वासन नहीं दिया, तो देशभर की रिफाइनरियाँ, पाइपलाइन, डिपो और फैक्ट्रियाँ पूरी तरह से ठप हो जाएँगी। यह बंदी सिर्फ प्रशासनिक टकराव नहीं होगी, बल्कि देश की ऊर्जा सुरक्षा और अर्थव्यवस्था को सीधे झटका देने वाली साबित होगी।

क्यों भड़कीं यूनियनें

यूनियनों का आरोप है कि कर्मचारियों की मांगें वर्षों से लंबित हैं। वेतन-भत्तों में सुधार, सेवा सुरक्षा, कैडर पुनर्गठन, पदोन्नति, ठेका प्रथा पर रोक और कार्यस्थल पर सुरक्षा जैसे मुद्दों पर प्रबंधन ने सिर्फ आश्वासन दिए, लेकिन ठोस कार्रवाई नहीं की।
यूनियन नेताओं ने साफ कहा"अब कर्मचारियों के साथ अन्याय और असुरक्षा बर्दाश्त नहीं की जाएगी।"

संगठनों ने यह भी आरोप लगाया कि निजीकरण की नीतियाँ कर्मचारियों को असुरक्षा की ओर धकेल रही हैं। ठेका कर्मचारियों की संख्या लगातार बढ़ रही है, जबकि स्थायी कर्मियों को हाशिये पर डाला जा रहा है। इसे उन्होंने न केवल कर्मचारियों का शोषण, बल्कि "राष्ट्रीय संपत्ति के साथ खिलवाड़" करार दिया।

बेगूसराय से उठी चेतावनी की गूंज


बेगूसराय की बरौनी रिफाइनरी, जो देश की प्रमुख उत्पादन इकाइयों में शामिल है, वहाँ से जारी संयुक्त बयान ने पूरे देश में हलचल मचा दी है। इसके असर से पेट्रोल पंपों पर असामान्य भीड़ देखी जा रही है। उपभोक्ता संभावित संकट को देखते हुए पहले से ही ईंधन जमा करने लगे हैं।

स्थानीय प्रशासन ने पैनिक खरीद और अवैध भंडारण से बचने की अपील की है, लेकिन संकेत साफ हैं कि आने वाले दिनों में हालात और गंभीर हो सकते हैं।

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