नई दिल्ली/इंदौर। इंदौर के चर्चित राजा रघुवंशी हत्याकांड में एक चौंकाने वाला मोड़ सामने आया है। केस में नामजद दो आरोपीआकाश और आनंदने मजिस्ट्रेट के समक्ष अपने पूर्व कबूलनामे से मुकरते हुए अपराध स्वीकार करने से इनकार कर दिया है। इससे न केवल जांच की दिशा प्रभावित हो सकती है, बल्कि मुख्य सहआरोपी सोनम को लेकर भी नए सवाल खड़े हो गए हैं।
मेघालय एसआईटी के प्रभारी हर्बर्ट पिनियाड खारकोंगोर ने मामले में स्थिति स्पष्ट करते हुए कहा कि आरोपियों के पलटने के बावजूद एसआईटी के पास ठोस और पर्याप्त भौतिक साक्ष्य मौजूद हैं। उन्होंने कहा, “हमने जांच की शुरुआत से ही मजबूत और न्यायालय में स्वीकार्य साक्ष्य जुटाए हैं, जो अभियोजन को प्रभावित नहीं होने देंगे।”
गौरतलब है कि पहले यह जानकारी सामने आई थी कि सभी आरोपियों ने पुलिस पूछताछ में अपराध स्वीकार कर लिया है। लेकिन अब अदालत में बदले रुख ने इस केस को नए मोड़ पर ला खड़ा किया है। आरोपी आकाश और आनंद ने अपने कानूनी अधिकार का उपयोग करते हुए मजिस्ट्रेट के सामने चुप रहने का फैसला किया।
विशेष बात यह भी है कि पुलिस ने सभी आरोपियों को मजिस्ट्रेट कार्यवाही में पेश नहीं किया था, जिससे यह स्पष्ट है कि जांच एजेंसियां रणनीतिक रूप से आगे बढ़ रही हैं।
अब सबसे बड़ा सवाल यही है किक्या सोनम को इस घटनाक्रम से राहत मिलेगी? फिलहाल एसआईटी के साक्ष्य और रुख को देखकर ऐसा नहीं लगता कि जांच की धार कमजोर पड़ेगी। मामला अब न्यायिक प्रक्रिया के महत्वपूर्ण चरण में प्रवेश कर चुका है, और आगामी सुनवाई में तस्वीर और स्पष्ट हो सकती है।