खमरिया लेक से निकला खतरा: 5 फीट लंबे मगरमच्छ का सफल रेस्क्यू, लोगों ने ली राहत की सांस



जबलपुर। वर्षों से खमरिया वेस्ट लैंड स्थित लेक में छिपा खतरा आखिरकार बुधवार की रात काबू में आ गया। करीब पांच फुट लंबा मगरमच्छ, जो पिछले कुछ समय से स्थानीय लोगों और प्रशासन की चिंता का कारण बना हुआ था, उसे वन विभाग की रेस्क्यू टीम ने सुरक्षित पकड़ लिया। यह मगरमच्छ लंबे समय से खमरिया आयुध निर्माणी (ओएफके) के ईस्टेट एरिया में मौजूद लेक में डेरा जमाए था।

स्थानीय निवासियों की मानें तो यह मगरमच्छ अक्सर गर्मी के मौसम में कम होते जलस्तर के कारण लेक के बीच स्थित चट्टानों पर धूप सेंकता दिखाई देता था। लेक के आसपास रोजाना बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे घूमने आते हैं। ऐसे में ओएफके प्रशासन ने वन विभाग को पत्र लिखकर मगरमच्छ की मौजूदगी को लेकर चिंता जाहिर की थी। आशंका जताई जा रही थी कि पानी की तलाश में मगरमच्छ किनारे तक आ सकता है और किसी दिन किसी राहगीर पर हमला कर सकता है।

वन विभाग ने खतरे की गंभीरता को समझते हुए रेस्क्यू टीम को निगरानी में लगाया। बुधवार की रात अभियान को अंजाम देते हुए टीम ने मगरमच्छ को सुरक्षित पकड़ने में सफलता हासिल की। रेस्क्यू टीम का नेतृत्व कर रहे वन्य प्राणी विशेषज्ञ धनंजय घोष ने बताया कि मगरमच्छ की उम्र करीब 4 से 5 साल है और इसकी लंबाई लगभग साढ़े पांच फीट तक है।

अब जबकि मगरमच्छ को पकड़ लिया गया है, स्थानीय लोग राहत की सांस ले रहे हैं। वन विभाग ने जानकारी दी है कि मगरमच्छ को खंदारी जलाशय में छोड़ दिया जाएगा, जहां वह मानव बस्ती से दूर सुरक्षित जीवन बिता सकेगा।

यह घटना एक बार फिर इस बात की याद दिलाती है कि शहर के प्राकृतिक जलस्रोतों की सतत निगरानी और जैव विविधता का संतुलन बनाए रखना न केवल पर्यावरण की दृष्टि से, बल्कि आमजन की सुरक्षा के लिहाज से भी बेहद जरूरी है।

एक टिप्पणी भेजें

और नया पुराने