सूत्रों के मुताबिक, आरोपी डिप्टी रेंजर मोहम्मद खान ने ग्राम पंचायत में निर्माण कार्य की स्वीकृति के बदले में रिश्वत की डिमांड रखी थी। उप सरपंच ने लोकायुक्त को दी शिकायत में बताया कि डिप्टी रेंजर ने राशि किश्तों में देने की शर्त रखी थी। शिकायत के सत्यापन के बाद इंदौर लोकायुक्त की टीम ने कार्रवाई की योजना बनाई।
सोमवार को जैसे ही उप सरपंच ने पहली किश्त के रूप में 5 हजार रुपये मोहम्मद खान को दिए, लोकायुक्त टीम ने मौके पर दबिश देकर उसे पकड़ लिया। आरोपी के खिलाफ भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 7 के तहत प्रकरण दर्ज कर वैधानिक कार्रवाई शुरू कर दी गई है।
इस कार्रवाई ने एक बार फिर स्पष्ट कर दिया है कि राज्य के ग्रामीण विकास कार्यों में भ्रष्टाचार किस कदर जड़ें जमा चुका है, जहां निचले स्तर के अधिकारी भी बिना 'हिस्सेदारी' के विकास कार्यों को आगे नहीं बढ़ने देते।