जबलपुर।मां बनने की अधूरी ख्वाहिश ने एक महिला की ज़िंदगी छीन ली। यह दर्दनाक घटना पनागर के शिवाजी वार्ड की है, जहां संतान न होने के गहरे मानसिक अवसाद में जी रही एक महिला ने ब्लेड से गला रेतकर अपनी जान दे दी।
मृतका की पहचान 35 वर्षीय पार्वती तिवारी के रूप में हुई है, जो पिछले दस वर्षों से मानसिक रूप से अस्थिर थी। पारिवारिक सूत्रों के अनुसार, विवाह के बाद से ही पार्वती को संतान नहीं हुई थी, जो धीरे-धीरे उसके मानसिक स्वास्थ्य पर भारी पड़ने लगा। समय-समय पर उसका इलाज मनोचिकित्सकों से भी कराया गया था।
मंगलवार रात घटना तब सामने आई जब पार्वती का पति मंगल तिवारी, जो किसी काम से बाहर गया था, रात करीब 10:30 बजे घर लौटा। घर में ताला लगा मिला, जिसके बाद वह पड़ोस में रहने वाली अपनी बुआ के घर पहुंचा। पूछताछ पर पता चला कि पार्वती थोड़ी देर पहले वहां आई थीं, लेकिन वापस चली गई थीं। इसके बाद जब मंगल ने बुआ के घर की छत पर जाकर देखा, तो सीढ़ियों के पास पार्वती की चप्पलें मिलीं। छत पर पहुँचने पर वह सन्न रह गया पार्वती बेहोशी की हालत में पड़ी थी और उसके गले से खून बह रहा था। पास में शेविंग ब्लेड का टुकड़ा पड़ा था।
स्थानीय लोगों की मदद से पार्वती को तत्काल मेडिकल कॉलेज अस्पताल ले जाया गया, लेकिन तब तक देर हो चुकी थी। डॉक्टरों ने जांच के बाद उसे मृत घोषित कर दिया।
परिजनों ने बताया कि यह पहला मौका नहीं था जब पार्वती ने आत्मघाती कदम उठाया हो। कुछ वर्ष पहले उसने हाथ की नसें काटने की कोशिश भी की थी। माना जा रहा है कि मानसिक तनाव के चलते इस बार उसने गले पर ब्लेड से वार कर आत्महत्या कर ली।
पनागर पुलिस ने मर्ग कायम कर लिया है और पूरे मामले की जांच जारी है।