पति को मृत घोषित कर दूसरी शादी करने वाली महिला को कोर्ट से सख्त सजा

 


ग्वालियर: ग्वालियर में एक महिला को अपने पति को मृत घोषित कर दूसरी शादी करने के जुर्म में चार साल की जेल और 8,000 रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई गई है। महिला ने लालच में आकर अपने पति की मृत्यु का फर्जी प्रमाण पत्र तैयार करवाया और एक रिटायर्ड सूबेदार से शादी कर ली। कोर्ट ने इस कृत्य को गंभीर अपराध मानते हुए महिला को दंडित किया। यह मामला ग्वालियर के हजीरा थाने से जुड़ा है।

रईस ने कोर्ट में बताई आपबीती

मामले की शुरुआत तब हुई जब रईस नामक व्यक्ति ने पुलिस में शिकायत दर्ज करवाई। उसने आरोप लगाया कि उसकी पत्नी रानी बेगम ने उसे जिंदा रहते हुए मृत घोषित कर दिया। रईस ने पुलिस को बताया कि रानी ने नगर निगम से फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र बनवाया और कोर्ट में पेश कर उसे मृत साबित करने की कोशिश की। इसके बाद रानी ने नौबत सिंह नाम के रिटायर्ड सूबेदार से शादी कर ली।

लालच बना अपराध का कारण

रईस ने अपनी शिकायत में बताया कि रानी ने यह कदम नौबत सिंह की संपत्ति और पेंशन के लालच में उठाया। नौबत सिंह के पास अच्छी-खासी जायदाद है और हर महीने पेंशन आती है। रईस के मुताबिक, रानी ने पैसे और संपत्ति के मोह में फर्जी दस्तावेज तैयार कर यह साजिश रची।

पुलिस ने की कार्रवाई

रईस की शिकायत पर हजीरा थाना पुलिस ने रानी बेगम और सूबेदार नौबत सिंह के खिलाफ मामला दर्ज कर उन्हें गिरफ्तार किया। जांच में फर्जी दस्तावेज तैयार करने और उनके आधार पर शादी रचाने की साजिश का खुलासा हुआ।

कोर्ट का फैसला

मामले की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने पाया कि रानी ने अपने पति को मृत घोषित कर कानून और समाज के साथ गंभीर छल किया है। कोर्ट ने इस अपराध को गंभीर मानते हुए रानी को चार साल की जेल और 8,000 रुपये जुर्माने की सजा सुनाई। नौबत सिंह को भी मामले में सहयोगी ठहराया गया और उनके खिलाफ अलग से कार्रवाई की जा रही है।

न्यायालय की टिप्पणी

कोर्ट ने अपने फैसले में कहा कि इस प्रकार की घटनाएं न केवल सामाजिक ताने-बाने को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि न्याय व्यवस्था का भी दुरुपयोग करती हैं। इसलिए, ऐसे मामलों में कठोर सजा देकर यह संदेश देना जरूरी है कि कानून से खिलवाड़ करने वालों को बख्शा नहीं जाएगा।

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