मुंबई के कुर्ला इलाके में सोमवार रात दिल दहला देने वाला हादसा हुआ, जब एक तेज़ रफ्तार बेस्ट बस ने अपना नियंत्रण खोते हुए 30 से अधिक लोगों को कुचल दिया। इस भयावह दुर्घटना में सात लोगों की मौत हो गई, जबकि 23 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। घायलों का इलाज सायन और कुर्ला भाभा अस्पताल में किया जा रहा है। यह दर्दनाक हादसा कुर्ला पश्चिम रेलवे स्टेशन के पास अंबेडकर नगर इलाके में हुआ।
कैसे हुआ हादसा?
शिवसेना विधायक दिलीप लांडे ने बताया कि बस कुर्ला स्टेशन से रवाना हुई थी। प्रारंभिक जांच के अनुसार, ब्रेक फेल होने के कारण बस पूरी तरह से नियंत्रण से बाहर हो गई। स्थिति और खराब तब हो गई जब घबराए ड्राइवर ने गलती से ब्रेक की जगह एक्सीलेटर दबा दिया। तेज़ रफ्तार बस ने सामने आने वाली हर चीज़ को कुचलते हुए कई लोगों को अपनी चपेट में ले लिया।
प्रत्यक्षदर्शियों ने क्या बताया?
हादसे के गवाहों ने बताया कि बस इतनी तेज़ी से आगे बढ़ रही थी कि लोगों को संभलने का मौका ही नहीं मिला। सड़क पर भगदड़ मच गई। आसपास के लोग जान बचाने के लिए इधर-उधर भागते नज़र आए। एक प्रत्यक्षदर्शी ने कहा, "सब कुछ कुछ ही सेकंड में हुआ। मैंने अपनी आंखों के सामने लोगों को गिरते और कुचलते हुए देखा।"
हादसे के बाद एक और चौंकाने वाली बात सामने आई। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार, ड्राइवर संजय मोरे हादसे के बावजूद पूरी तरह शांत था और हंस रहा था। यह विचित्र व्यवहार स्थानीय लोगों को गुस्से और सदमे में डाल गया।
सीसीटीवी फुटेज से हादसे का खुलासा
घटना का वीडियो एक सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गया, जो मंगलवार सुबह सोशल मीडिया पर वायरल हो गया। वीडियो में देखा जा सकता है कि बस की रफ्तार बहुत अधिक थी, और सड़क पर खड़े लोग अपनी जान बचाने के लिए भाग रहे थे।
मृतकों और घायलों की पहचान
अब तक चार मृतकों की पहचान हो पाई है। मृतकों में कनीज फातिमा अंसारी (55), आफरीन ए. शेख (19), अनम शेख (18), और शिवम कश्यप (18) शामिल हैं। घायलों में से कई की हालत नाजुक बनी हुई है।
पहली बार चला रहा था बस
घटना के बाद यह बात सामने आई कि आरोपी ड्राइवर संजय मोरे ने हाल ही में बेस्ट में कॉन्ट्रैक्ट ड्राइवर के तौर पर नौकरी शुरू की थी। यह उसकी पहली ड्यूटी थी। ब्रेक फेल होने की स्थिति में अनुभव की कमी और घबराहट के कारण उसने गलती से एक्सीलेटर दबा दिया, जो इस बड़े हादसे की वजह बना।
स्थानीय लोगों का आक्रोश
हादसे के बाद घटनास्थल पर भारी भीड़ जमा हो गई। स्थानीय लोगों ने बेस्ट प्रशासन और सरकार की लापरवाही पर सवाल उठाए। उनका कहना है कि अनुभवहीन ड्राइवर को ड्यूटी पर लगाने और बसों की नियमित जांच में कोताही बरतने का नतीजा इतना भयावह हादसा है।
सरकार की प्रतिक्रिया और जांच के आदेश
महाराष्ट्र सरकार ने इस हादसे को गंभीरता से लिया है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने मृतकों के परिजनों के लिए मुआवजे की घोषणा की है और घायलों के इलाज का पूरा खर्च उठाने का वादा किया है। उन्होंने हादसे की जांच के लिए एक विशेष समिति गठित करने का आदेश दिया है।
यह हादसा मुंबई की सड़कों पर सुरक्षा और परिवहन प्रशासन की खामियों को उजागर करता है। उम्मीद है कि इस घटना से सबक लेते हुए ऐसे हादसों को रोकने के लिए ठोस कदम उठाए जाएंगे।