मध्य प्रदेश के सीधी जिले में गुरुवार को एक बड़ा हादसा हुआ। रामपुर नैकिन थाना क्षेत्र के आमडाड़ गांव में 400 केवी डबल सर्किट लाइन के पुराने विद्युत टॉवर को बदलने का कार्य चल रहा था। इस दौरान टॉवर गिरने से पांच श्रमिकों की मौत हो गई और कई अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतकों में अधिकांश श्रमिक पश्चिम बंगाल के रहने वाले थे। वे पिछले कुछ दिनों से यहां काम कर रहे थे।
कैसे हुआ हादसा?
सिंगरौली के निगरी से सतना जाने वाली 400 केवी डबल सर्किट लाइन के टावर रिप्लेसमेंट का कार्य चल रहा था। आमडाड़ गांव में रेल लाइन के पास यह कार्य हो रहा था। गुरुवार दोपहर अचानक एक टॉवर 70 फीट की ऊंचाई से जमीन पर गिर गया, जिससे वहां काम कर रहे श्रमिक चपेट में आ गए। हादसे के समय सुरक्षा के मानकों का पालन नहीं किया गया था, जिससे घटना और गंभीर हो गई।
मृतक और घायल
पुलिस के अनुसार, हादसे में पश्चिम बंगाल निवासी अजमीर मोमिन पिता रफजुद्दीन मोमिन और मुबारक पिता जलालुद्दीन की मौके पर ही मौत हो गई। अन्य घायल श्रमिकों में शाहिद शेख, सिंटू मोमिन, इमादुल शेख, हमीदुल नादाप, दिलदार शेख, दिलबर हुसैन और साहब शेख शामिल हैं। इन्हें गंभीर हालत में सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र ले जाया गया, जहां इलाज के दौरान तीन और श्रमिकों की मौत हो गई।
प्रशासन की प्रतिक्रिया
सीधी जिले के एसपी रवींद्र वर्मा ने हादसे पर दुख व्यक्त करते हुए बताया कि टॉवर पुराने और जर्जर हो चुके थे। इन्हें रिप्लेस करने का कार्य चल रहा था, लेकिन सुरक्षा उपायों में लापरवाही बरती गई। पुलिस ने मृतकों के शव पोस्टमार्टम के लिए भेज दिए हैं और उनके परिजनों को सूचना दे दी गई है। घायलों का इलाज जारी है।
ठेकेदार पर सवाल
टॉवर रिप्लेसमेंट का ठेका पश्चिम बंगाल के संपत विशाल और अवरूप दास को दिया गया था। ठेकेदार ने श्रमिक भी पश्चिम बंगाल से ही बुलाए थे। हालांकि, काम के दौरान सुरक्षा के लिए आवश्यक उपकरणों और व्यवस्थाओं की घोर कमी थी। श्रमिक 70 फीट की ऊंचाई पर बिना पर्याप्त सुरक्षा के काम कर रहे थे।
आगे की कार्रवाई
इस घटना ने प्रशासन और संबंधित विभागों की कार्यप्रणाली पर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं। पुलिस और प्रशासन इस मामले की जांच कर रहे हैं। ठेकेदार और प्रोजेक्ट से जुड़े अन्य जिम्मेदार लोगों के खिलाफ लापरवाही का मामला दर्ज किया जा सकता है।
परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल
हादसे में जान गंवाने वाले श्रमिकों के परिजन सूचना मिलने के बाद शोक में डूब गए हैं। पश्चिम बंगाल से आए इन श्रमिकों के परिवारों का रो-रोकर बुरा हाल है। स्थानीय प्रशासन ने मृतकों के परिजनों को मुआवजा देने का आश्वासन दिया है।