सरकारी नौकरी के लिए जाली दस्तावेजों का खेल: आबकारी विभाग के फर्जी पत्र से हुई भर्ती का पर्दाफाश

 


सरकारी नौकरी पाने की चाहत में लोग अक्सर नए-नए हथकंडे अपनाते हैं। लेकिन कई बार यह लालच उन्हें गैर-कानूनी गतिविधियों में शामिल कर देता है। महाराष्ट्र के ठाणे में ऐसा ही एक हैरान कर देने वाला मामला सामने आया है, जहां आबकारी विभाग में नौकरी पाने के लिए फर्जी पत्र का इस्तेमाल किया गया। इस मामले का खुलासा होते ही प्रशासन और पुलिस हरकत में आ गई है।

फर्जी पत्र से नियुक्ति का खेल

ठाणे पुलिस के अनुसार, पिछले साल सरकारी अस्पताल को आबकारी विभाग के एक शीर्ष अधिकारी के नाम और मुहर वाला एक जाली पत्र भेजा गया। इस पत्र में दो उम्मीदवारों के लिए चिकित्सा परीक्षण कराने और उनकी नियुक्ति की सिफारिश की गई थी। निर्देशानुसार, इन दोनों उम्मीदवारों का मेडिकल टेस्ट कराया गया। इसके बाद, एक उम्मीदवार को मुरबाद और दूसरे को शाहपुर में आबकारी उपनिरीक्षक के पद पर नियुक्त कर दिया गया।

शिकायत में खुली पोल

इस जालसाजी का खुलासा तब हुआ, जब एक शिकायत के जरिए फर्जी नियुक्तियों की जानकारी मिली। राज्य आबकारी अधीक्षक ने वागले एस्टेट पुलिस थाने में शिकायत दर्ज कराई, जिसके आधार पर धोखाधड़ी और दस्तावेजों में जालसाजी का मामला दर्ज किया गया। फिलहाल, पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है और यह जानने की कोशिश कर रही है कि इस धोखाधड़ी में और कौन-कौन लोग शामिल हैं।

सरकारी नौकरी के लिए जालसाजी का बढ़ता चलन

यह घटना कोई पहली बार नहीं हुई है। इससे पहले भी सरकारी नौकरियों में फर्जीवाड़े के कई मामले सामने आ चुके हैं। अधिकारियों का कहना है कि कई बार ऐसे मामले उजागर नहीं हो पाते, लेकिन इससे योग्य उम्मीदवारों का हक मारा जाता है। सरकारी भर्ती प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखने के लिए सख्त जांच और सत्यापन प्रक्रिया लागू की जाती है, ताकि कोई भी गलत तरीके से नौकरी हासिल न कर सके।


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