रूस-यूक्रेन की जंग का असर पड़ सकता है किसानों की जेब पर...

Russia-Ukraine War Update: यूक्रेन और रूस के बीच में जंग चल रही है और ऐसे में बेलारूस से उर्वरक आयात करने का प्लान फेल हो सकता है. भारत 10 से 12 फीसदी उर्वरक रूस, यूक्रेन और बेलारूस से आयात करता है.

नई दिल्ली: रूस और यूक्रेन के बीच जारी युद्ध (Russia-Ukraine War) का असर कृषि क्षेत्र (Agricultural Sector) पर भी पड़ सकता है. देश में खाद के लिए अब पहले से अधिक कीमत चुकानी पड़ सकती है. खाद (Fertilizer) के उत्पादन के लिए पोटाश (Potash) जरूरी होता है और भारत भारी मात्रा में पोटाश का आयात करता है. रूस और बेलारूस पोटाश के सबसे बड़े निर्यातक हैं लेकिन यूक्रेन के साथ जारी युद्ध के कारण पोटाश की आपूर्ति संकट में पड़ गई है. यूक्रेन भी पोटाश का निर्यात करता है.

रूस-बेलारूस से पोटाश आयात करता है भारत
बता दें कि भारत के कुल उर्वरक आयात का 10 से 12 फीसदी हिस्सा रूस, यूक्रेन और बेलारूस का है. इस युद्ध से पहले भारत, रूस के बंदरगाहों के जरिए बेलारूस से पोटाश लाने की योजना बना रहा था, लेकिन प्रतिबंधों के कारण ये प्लान खटाई में पड़ता दिख रहा है.

कनाडा उत्पादन बढ़ाने को सहमत नहीं
इसके अलावा पोटाश उत्पादन करने वाले अन्य देश जैसे कनाडा अपना उत्पादन बढ़ाने को सहमत नहीं हैं और इसी कारण वैश्विक बाजार में इसके दाम अधिक हैं. खाद की अधिक कीमत के कारण केंद्र सरकार को अधिक अनुदान देना पड़ सकता है. चालू वित्त वर्ष में पोटाश का आयात करीब 280 डॉलर प्रति मीट्रिक टन के दाम पर किया जाता रहा लेकिन आपूर्ति संकट के कारण इसके दाम 500 से 600 डॉलर प्रति मीट्रिक टन हो सकते हैं.

आयात में आ रही है बाधा
क्रिसिल रेटिंग के निदेशक नीतेश जैन ने कहा कि रूस-यूक्रेन युद्ध का उर्वरक आयात पर बहुत असर दिखेगा. भुगतान और लॉजिस्टिक इसके आयात के लिए बाधा बनेंगे.

इंडिया रेटिंग एंड रिसर्च की सीनियर एनालिस्ट पल्लवी भाटी ने कहा कि रूस उर्वरक का बहुत बड़ा निर्यातक है. इसी कारण आयात मूल्य में तेज बढ़ोतरी की पूरी संभावना है. इसके अलावा यूरिया के उत्पादन के लिए जरूरी गैस की कीमतें भी बढ़ी हैं, जिसका असर भी उर्वरक की कीमत पर पड़ेगा.

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