जिन्नाती मस्जिद नहीं टूटेगी- उच्चतम न्यायालय से मिला स्थगन, होती रहेगी नमाज

जिन्नाती मस्जिद 
मदन महल पहाड़ी को अवैध  कब्ज़ा  मुक्त करने के लिए उच्च न्यायालय जबलपुर में जनहित याचिका दायर हुई, सुनवाई कर न्यायलय ने पहाड़ी में कब्ज़े तोड़ने के आदेश दिए. मदन महल पहाड़ी में जिन्नती मस्जिद भी थी. ये मस्जिद काफी पुरानीं है और ब्रिटिश शाशन के नक्शे में मस्जिद 1806 से दर्ज है.
इस आदेश पर सुप्रीमकोर्ट में अपील की गई जिसकी सुनवाईं करते हुए दिनांक 26.07.2019 को मस्जिद तोड़ने पर स्टे दिया.

बिलाल मदरसा
बिलाल मदरसा मस्जिद गंगा नगर दिनांक 06-02-2017 को श्रीमान सुबोध अभ्यंकर की एकल पीठ उच्च न्यायालय मध्य प्रदेश जबलपुर  द्वारा केस क्रमांक wp21091/2016 में नोटिस जारी करते हुए मस्जिद के टूटने पर स्थगन दिया गया था मगर वादी पक्ष ने स्टे आर्डर छिपाते हुए न्यायालय को भ्रमित कर न्यायालय की अवमानना की याचिका दायर की थी जिस पर कलेक्टर जबलपुर ने विगत सप्ताह मस्जिद तोड़ने के आदेश दिए. इस संदर्भ में मुफ़्ती ए आजम मध्य प्रदेश की अगुवाई में लडाई लड़ी गयी और पहली जीत हासिल हुयी. दिनांक 26-07-2019 को मुस्लिम समाज के अग्रतम नेता राशिद सुहैल सिद्दीकी, कदीर सोनी, भूरे पहलवान, जानी भाई, हाजी बहार अहमद अंसारी और समाज के हजारों लोगो ने जबलपुर कलेक्टर को ज्ञापन देते हुए सूचित किया की इस मामले में उच्च न्यायालय मध्य प्रदेश  जबलपुर  ने स्थगन आदेश जारी किया है इसलिए मस्जिद तोड़ने का आदेश वापिस लिया जावे जिस पर जबलपुर कलेक्टर ने मस्जिद तोड़ने पर फ़िलहाल रोक लगा दी है.

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