Crude Price India: कच्चा तेल 90 डॉालर प्रति बैरल के पार जा पहुंचा है. सरकारी तेल कंपनियों को अपने नुकसान की भरपाई करने की पेट्रोल डीजल के दाम 5 रुपये प्रति लीटर तक कम से कम बढ़ाने होंगे.
Petrol Diesel Price Hike Likely: पेट्रोल डीजल के दामों में भारी उछाल की आशंका है. दरअसल अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल के दाम 2014 के बाद सबसे उच्चतम स्तर पर जा पहुंचा है. कच्चे तेल के दाम 90 डॉलर प्रति बैरल के पार जा पहुंचा है.
100 डॉलर पार जाएगा कच्चा तेल
कच्चे तेल के दामों में आग लगी है. नए वर्ष 2022 में कच्चे तेल के दामों में 15 फीसदी से भी ज्यादा का उछाल आ चुका है, बीते पांच हफ्ते से लागतार कच्चे तेल के दामों में तेजी देखी जा रही है. जानकारों की मानें तो कोविड महामारी के असर घटने के बाद मांग में तेजी के चलते कच्चे तेल की मांग में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिलेगी जिसके चलते कच्चे तेल के दामों में और भी उछाल देखने को मिल सकता है. Goldman Sachs के मुताबिक 2022 में कच्चे तेल के दाम 100 डॉलर प्रति बैरल को छू सकता है और 2023 में 105 डॉलर प्रति बैरल के पार जा सकता है. वहीं JP Morgan ने तो 2022 में 125 डॉलर प्रति बैरल और 2023 में 150 डॉलर प्रति बैरल तक दाम छूने की भविष्यवाणी कर रहे हैं.
तेल पर फिसला कच्चा तेल
एक दिसंबर 2021 को कच्चे तेल के दाम 68.87 डॉलर प्रति बैरल था. जो अब 90 डॉलर प्रति बैरल के ऊपर कारोबार कर रहा है. यानि डेढ़ महीने के भीतर कच्चे तेल के दामों में निचले स्तर से 30 फीसदी की तेजी आ चुकी है. यानि सरकारी तेल कंपनियों को कच्चा तेल खरीदने के लिए अब ज्यादा कीमत चुकानी पड़ी रही है. हालांकि हैरानी की बात ये है कि इन कंपनियों ने डेढ़ महीनों में पेट्रोल डीजल के दामों में कोई बदलाव नहीं किया है. सवाल उठता है कि क्या पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के चलते सरकार के दवाब की वजह से सरकारी तेल कंपनियों कच्चे तेल के दामों में करीब 30 फीसदी उछाल आने के बावजूद पेट्रोल डीजल के दाम नहीं बढ़ा रही हैं. जबकि तेल कंपनियां जनवरी 2022 में हवाई ईंधन के दामों में दो बार बढ़ोतरी कर चुकी है.
पेट्रोल डीजल के दामों में बदलाव नहीं
सरकारी तेल कंपनियों ने पेट्रोल डीजल के दामों में 4 नवंबर 2021 के बाद से कोई बदलाव नहीं किया है. सरकारी तेल कंपनियां अब हर रोज पेट्रोल डीजल के दामों की समीक्षा करती हैं लेकिन राजनैतिक कारणों और सरकार के दवाब के चलते अब वे ऐसा नहीं कर पा रही हैं. भले ही पेट्रोल डीजल के दामों को तय करने का अधिकार सरकारी तेल कंपनियों के दे दिया गया हो लेकिन वे कभी भी सरकारी दखल से बाहर नहीं निकल पाई है. यानि साफ है 10 मार्च 2022 को जैसे ही पांच राज्यों में विधानसभा चुनाव के नतीजे आय जायेंगे आम लोगों पर महंगे पेट्रोल डीजल की मार फिर से पड़ने लगेगी. आपको बता दें भारत के लिए 26 जनवरी 2022 को भारत के लिए कच्चे तेल की औसत खरीद कीमत थी 88.23 डॉलर प्रति बैरल. जबकि अक्टूबर महीने में सरकारी तेल कंपनियों को औसतन 74.85 डॉलर प्रति बैरल, नवंबर में 74.47 डॉलर प्रति बैरल और दिसंबर में 75.34 डॉलर प्रति बैरल में औसतन कच्चा तेल खरीदना पड़ा है.