डेढ़ हजार मेगावाट के सौर ऊर्जा पार्कों का शिलान्यास करेंगे मुख्यमंत्री



भोपाल । प्रदेश में जल्द ही डेढ़ मेगावाट के सौर ऊर्जा का उत्पादन होगा। इसके लिए आगर, शाजापुर और नीमच में परियोजना का शिलान्यास मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान 25 नवंबर को करेंगे। इस दौरान तीन सौर ऊर्जा पार्क और कुसुम योजना में चयनिम किसानों के साथ अनुबंध पर हस्ताक्षर किए जाएंगे। कार्यक्रम में ऊर्जा साक्षरता अभियान का शुभारंभ भी होगा। प्रदेश में सौर और पवन ऊर्जा को बढ़ावा देने के लिए सरकार लगातार कदम उठा रही है। डेढ़ हजार मेगावाट की परियोजना तीन जिलों में प्रारंभ होंगी। मुख्यमंत्री आवास पर हुई बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जन में कमी लाने में सौर ऊर्जा की महत्वपूर्ण भूमिका है। आगर, शाजापुर और नीमच सौर ऊर्जा पार्क से राज्य को सस्ती ग्रीन ऊर्जा मिलेगी। रोजगार के अवसर भी सृजित होंगे।परियोजना से लगभग 50 लाख मीट्रिक टन कार्बन डाईआक्साइड उत्सर्जन से बचाव संभावित है, जो 25 साल में पांच करोड़ पेड़ से निकलने वाली कार्बन डाईआक्साइड के बराबर है। कुसुम योजना में मार्च 2023 तक एक हजार 50 कृषि फीडर पर दो लाख 10 हजार पंप सौर ऊर्जा से चलेंगे। इससे किसानों को अधिक समय के लिए बिजली की आपूर्ति हो सकेगी।

उज्जैन-नागदा रोड पर लगेगा 400 करोड़ का सोलर प्लांट
उज्जैन-नागदा रोड पर एनटीपीसी की जमीन पर 400 करोड़ रुपए की लागत से सोलर प्लांट लगेगा। एनटीपीसी यहां सोलर प्लांट के साथ सोलर उपकरण बनाने का संयंत्र भी स्थापित करेगा। इससे उज्जैन को एक्सपोर्ट यूनिट की सौगात मिल जाएगी। यह जमीन नागदा के नजदीक है। परियोजना को मूर्त रूप देने के लिए पहले चरण में जमीन का सर्वे और मिट्टी परीक्षण प्रक्रिया शुरू कर दी गई है। इस प्रोजेक्ट के तैयार होने से यहां के सैकड़ों लोगों को रोजगार मिलेगा। सांसद अनिल फिरोजिया ने बताया कि यह जमीन की बात सामने आने के बाद उन्होंने केंद्रीय ऊर्जा मंत्री आरके सिंह से मुलाकात की। फिरोजिया ने कहा कि केंद्रीय मंत्री के विभाग को काफी समय तो इस प्रोजेक्ट की फाइल ही नहीं मिली। लेकिन फाइल मिलने के बाद केंद्रीय मंत्री आरके सिंह ने यहां प्रोजेक्ट की संभावनाएं तलाशने के लिए अफसरों को निर्देशित किया। हालांकि यह अभी तय होना है कि यहां कौन सा प्रोजेक्ट शुरू किया जाए। इस संबंध में मुझे केंद्रीय मंत्री का पत्र भी मिला है।

सरप्लस बिजली राज्य सरकार को
बताया जा रहा है कि यहां 400 करोड़ रुपए की लागत से सोलर पैनल और अन्य उपकरण तैयार करने व सोलर ऊर्जा केंद्र स्थापित किया जा सकता है। यहां से पैदा होने वाली सरप्लस बिजली राज्य सरकार को दी जाएगी साथ यहां बनने वाले उपकरणों को देश-विदेश में भेजा जा सकेगा। उज्जैन-नागदा रोड पर 1992 में एनटीपीसी ने प्रोजेक्ट स्थापित करने के लिए जमीन अधिग्रहित की थी। लेकिन यह प्रोजेक्ट बाद में निरस्त हो गया। तब से ये जमीन खाली पड़ी थी।

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