जानिए आखिर क्यों पूजा में होता है आसन का इस्तेमाल?



सनातन धर्म में पूजा पाठ को लेकर कई नियम बताए गए हैं। हर देवी- देवता की उपासना के लिए अलग मंत्र जाप, फल, फूल तथा प्रसाद अर्पित किया जाता है। इन सभी चीजों को अपना एक अलग अहमियत होता है। शास्त्रों में इन सभी चीजों की खास अहमियत बताई गई है। कई लोग भूमि पर बैठकर आराधना कर लेते हैं मगर धार्मिक दृष्टि से ऐसा करना उचित नहीं माना जाता है। हम सभी को पूजा पाठ आसान पर बैठ कर करना चाहिए। इसके कुछ विशेष नियम हैं जिसकी हर किसी को खबर नहीं होती है।

वही पूजा करते वक़्त कंबल या ऊनी आसन बिछाकर उपासना करना सबसे श्रेष्ठ माना जाता है। इतना ही शास्त्रों में भिन्न-भिन्न रंगों के आसन की खास अहमियत होती है। लाल रंग के आसन पर हनुमान जी तथा माता दुर्गा की आराधना करने के लिए सबसे उत्तम कहा जाता है। वहीं मंत्र सिद्धी के लिए कुश का बना आसन सबसे श्रेष्ठ होता है। किन्तु श्राद्ध करते वक़्त कुश का उपयोग नहीं करना चाहिए।

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