पर्यटक स्थलों पर सैलानियों की भीड़, मास्क न पहनने से तीसरी लहर आने का ख़तरा

पर्यटक स्थलों पर सैलानियों की भीड़, मास्क न पहनने से तीसरी लहर आने का ख़तरा

नई दिल्ली । पर्यटक स्थलों पर सैलानियों की भीड़, मास्क न पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग का पालन न करने से कोरोनावायरस की तीसरी लहर के जल्द आने का ख़तरा और प्रबल होता जा रहा है. पिछले कुछ समय में देश में कोरोना के मामले कम हुए तो राज्यों ने ढील देनी शुरू कर दी. उत्तराखंड और हिमाचल की कई तस्वीरें और वीडियो इस बात की गवाही दे रहे हैं कि सैलानी किस तरह से खुलेआम कोरोना नियमों की धज्जियां उड़ा रहे हैं.
हाल ही में मसूरी के वॉटरफॉल पर नहाते हुए सैकड़ों सैलानियों की तस्वीरें और वीडियो सामने आए थे. वहीं शिमला, नैनीताल, हरिद्वार, ऋषिकेश समेत कई पर्यटक स्थलों व स्थानीय बाजारों में सैलानियों का हुजूम सरकार की चिंता बढ़ा रहा है. लोगों द्वारा कोरोना नियमों का पालन न करना भी एक समस्या बना हुआ है.
स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिन लव अग्रवाल ने शुक्रवार को मीडिया से बात करते हुए लोगों से अपील की है कि वह नियमों का पालन करे. कोरोना को गंभीरता से न लेते हुए वे अपनों के लिए ही खतरा पैदा कर रहे हैं. बता दें कि कोरोना के खतरनाक डेल्टा वेरिएंट के मामले भारत में भी सामने आ चुके हैं.
नीति आयोग के सदस्य डॉक्टर वीके पॉल ने भी कहा " कई जगहों पर खुलेआम लापरवाही देखने को मिल रही है जैसे- शहर, बाजार, टूरिस्ट प्लेस पर. टूरिज्म होना चाहिए, जिंदगी बढ़नी चाहिए पर लापरवाही न बरती जाए, नहीं तो कोरोनावायरस का प्रकोप बढ़ेगा. "
उन्होंने लोगों से अपील की कि इस तरह का माहौल पैदा न करें. अब तक वह माहौल नहीं आया है कि इस तरह से व्यवहार करें. जो छूट है तो वह हमसे छिन सकती है, अगर इस तरह से वायरस को मौका देंगे.
डॉक्टर पॉल ने कहा कि गर्भवती महिलाओं में गंभीरता बढ़ जाती है, इसलिए कोविड वैक्सीन की जरूरत है. दो जिंदगियों पर खतरा ज्यादा हो जाता है. कुछ कॉम्प्लिकेशन बढ़ जाती है. प्रीमैच्योर डिलीवरी का चांस बढ़ता है. महिला से लेकर बच्चे को भी नुकसान होता है. प्रेगनेंट महिलाओं को वैक्सीन लेनी चाहिए.

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