Black Fungus: मध्प्रदेश के इन जिलों में मिले मरीज, एक ने जान गंवा दी, दूसरे की आंखों की रोशनी छिनी



सिवनी/होशंगाबादः कोरोना वायरस की नई-नई स्ट्रेन के बारे में वैज्ञानिक अब भी खोजबीन कर रहे हैं, इस बारे में जनकारी अब भी अधूरी ही है. वहीं कुछ दिनों पहले ही जानकारी मिली कि ब्लैक फंगस इन्फेक्शन के मरीज भी अब मिलने लगे हैं, इसने स्वास्थ्य विभाग की चिंताएं बढ़ाकर रख दीं. यह पुराना इन्फेक्शन लोगों में डर पैदा कर रहा है, बताया गया है कि इससे आंखों की रोशनी चली जाती है, इससे मौत भी तेजी से होती है.

इन दो जिलों में सामने आए मामले
इस बीमारी को Mucormycosis के नाम से जाना जाता है, देश के कुछ राज्यों में इस बीमारी के मरीज मिलने लगे हैं. इसे आम भाषा में ब्लैक फंगस (Black Fungus) कहा जाता है, गुजरात में इन मरीजों का अलग वार्ड में इलाज भी हो रहा है. ब्लैक फंगस के कुछ मामले मध्य प्रदेश की राजधानी भोपाल व इंदौर से सामने आए थे, जबलपुर में बुधवार को एक मरीज की मौत भी हो गई. अब दो नए मामले सिवनी और होशंगाबाद जिलों से भी सामने आए.

एक को दिखना हुआ बंद, दूसरे की स्थिति गंभीर
सिवनी जिला चिकित्सालय के आइसोलेशन वार्ड में भर्ती एक मरीज में ब्लैक फंगस के लक्षण मिले. मरीज की बिगड़ती स्थिति को देखते हुए उसे जबलपुर जिला अस्पताल रेफर किया गया. प्रदेश में ब्लैक फंगस का एक मामला होशंगाबाद जिले के इटारसी से भी सामने आया. शहर के डॉ प्रताप वर्मा फंगस से पीड़ित बताए गए, इन्फेक्शन इतना तेजी से फैला कि उन्हें एक आंख से दिखना बंद हो गया.

छत्तीसगढ़ में हुई एक की मौत
मध्य प्रदेश में ब्लैक फंगस से पीड़ित कुछ मरीजों का इलाज जारी है, वहीं पड़ोसी राज्य छत्तीसगढ़ में इन्फेक्शन से एक मरीज की मौत दर्ज की गई. यहां दुर्ग जिले के भिलाई सेक्टर वन निवासी श्रीनिवास राव ने इन्फेक्शन से लड़ते हुए अपनी जान गंवा दी. इलाज कर रहे डॉक्टर ने कहा कि ऑक्सीजन पाइप में इन्फेक्शन के कारण ब्लैक फंगस होता है. जिले में इन्फेक्शन से पहली मौत के बाद दुर्ग जिला प्रशासन ने सभी अस्पतालों को अलर्ट कर दिया.

दिमाग, स्किन और फेफड़ों पर करता है अटैक
अब तक हुई खोज में पता चला कि ब्लैक फंगस मरीज के दिमाग, फेफड़ों व स्किन पर अटैक करता है. इससे मरीजों की आंखों की रोशनी जाने का खतरा सबसे ज्यादा रहता है. वहीं अब सामने आ रहे मामलों में कुछ मरीजों के जबड़े और नाक की हड्डी भी गलने की शिकायतें मिलने लगीं.

इन मरीजों के लिए खतरनाक
डॉक्टर्स के मुताबिक कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों के इलाज में स्टेरॉयड के इस्तेमाल के बाद शुगर बढ़ने से ब्लैक फंगल इन्फेक्शन होने के चांस बढ़ जाते हैं. ऐसे मरीजों को सतर्क रहने की जरूरत है जिन्हें लंबे समय से शुगर की बीमारी है. ब्लैक फंगस की चपेट में ऐसे लोग सबसे ज्यादा आते हैं जो डायबिटिक हैं, या लंबे समय से स्टेरॉयड यूज कर रहे हों.




नहीं फैलता एक से दूसरे मरीज में
कोरोना से मरीजों का इम्यूनिटी सिस्टम कमजोर हो जाता है. ऐसे लोगों में ब्लैक फंगस इन्फेक्शन फैलने की आशंका बढ़ जाती है. डॉक्टर के मुताबिक ये फंगस एक मरीज से दूसरे मरीज में नहीं फैलता, लेकिन ये कितना खतरनाक है इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि दिमाग में इसके पहुंचने पर मरीज की मौत होने के चांस 70 से 80 फीसदी तक हैं.

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