नई दिल्ली: पहला प्यार बचपन की उस चोट की तरह होता है, जो लगने के बाद निशान छोड़ जाती है... हम अपनी जिंदगी में कितना भी आगे बढ़ जाए, लेकिन पहला प्यार को कभी भी भूलाया जा सकता. यह तो आप सभी जानते है कि पहले प्यार को भूल पाना आसान नहीं होता.
वक्त के साथ चाहे हम जिंदगी की कशमकश में खो जाते है, लेकिन अगर थोड़ा-सा एहसास मिले तो वो यादें और वो बातें इंसान को एक बार फिर से पहली-सी खुशी, पहला सा वो प्यार का एहसास वापस दे जाता हैं. ऐसी ही कई कहानियां आपने फिल्मों में देखी होंगी. सालों का बिछड़ा प्यार एक बार फिर से साथ हो जाए और कुदरत उन्हें मिला दे, लेकिन जैसलमेर के वीरान गांव कुलधरा में यह कहानी असल में घटित हुई है.
तो चलिए आपको बताते है प्यार की ये एक कहानी
दरअसल, यह कहानी एक 82 साल के चौकीदार की है, जिसे 30 साल बाद उसका पहला प्यार मिला है. बता दें कि 70 दशक में जैसलमेर घूमने आई एक ऑस्ट्रेलियाई युवती मरीना ने चौकीदार को केवल I Love You कहा था और इसी के बाद वो अपने वतन वापस लौट गई थी. लेकिन, एक बार फिर से करीब 50 साल बाद उसने चौकीदार को खत लिखकर उससे मिलने की इच्छा जताई है.
मरीना ने आज तक शादी नहीं की और दोनों प्यार करने वालों की उम्र भी हैरान कर देने वाली है. ‘ह्यूमंस ऑफ बॉम्बे’ फेसबुक पेज पर चौकीदार ने अपना पूरा किस्सा बताया है, जो इन दिनों काफी वायरल भी हो रहा है. उन्होंने बताया कि मैं 30 का था जब मैं पहली बार मरीना से मिला था. वह एक रेगिस्तान सफारी के लिए ऑस्ट्रेलिया से पूरे रास्ते जैसलमेर आई थी.
मैंने उसे ऊंट की सवारी करना सिखाया! यह पहली नजर का प्यार था. यात्रा के दौरान, हम अपनी आंखें एक दूसरे से दूर नहीं कर सकते थे और ऑस्ट्रेलिया जाने से पहले, मरीना ने मुझसे तीन जादुई शब्द कहे I Love You मैं शरम से लाल हो गया था. मैं उस दिन को कभी नहीं भूल सकता. मुझे इतनी शर्म आ रही थी कि मैं उसके कबूलनामे के जवाब में एक शब्द भी नहीं बोल सका.
लेकिन, वह समझ गई और हम संपर्क में रहे. मरीना के वापस जाने के बाद, उसने मुझे हर हफ्ते खत लिखा और कुछ हफ्ते बाद, उसने मुझे ऑस्ट्रेलिया बुलाया. अपने परिवार को सूचित किए बिना, मैंने 30,000 रुपये का ऋण लिया और उससे मेलबर्न का टिकट खरीदा, वीजा की व्यवस्था की और उसके साथ रहने के लिए उड़ान भरी. वो 3 महीने मेरे लिए जादुई थे. उसने मुझे अंग्रेजी बोलना सिखाई, लेकिन फिर उसने कहा कि शादी कर लो और ऑस्ट्रेलिया में बस जाओ!’
मैं उस वक्त अपनी मातृभूमि को छोड़ने के लिए तैयार नहीं था और वो भारत आने के लिए तैयार नहीं थी. यह आसान नहीं था, लेकिन जिस दिन में वापस लौट रहा था तो वो बहुत रोई, लेकिन मुझे उसे जाने देना पड़ा. कुछ साल बाद, परिवार के दबाव के कारण, मुझे शादी करनी पड़ी. लेकिन, मैं खुद को मरीना की यादों से अलग नहीं कर पाता. मेरे दिमाग में हर वक्त यहीं सवाल आते कि ‘क्या उसने शादी कर ली? क्या मैं उसे फिर कभी देख पाऊंगा?'
जैसे-जैसे समय बीतता गया, यादें फीकी होती चली गई. मैं अपने पारिवारिक जिम्मेदारियों में व्यस्त हो गया और फिर 2 साल पहले, मेरी पत्नी का निधन हो गया. मेरे सभी बेटे विवाहित थे और बाहर चले गए थे और यहां मैं एक 82 साल का व्यक्ति था, जो भारत के प्रेतवाधित गांव का द्वारपाल था. एक महीने पहले, मरीना ने मुझे खत लिखा था.
उस खत में उसने मुझसे पूछा कि 'मेरे दोस्त कैसे हो? 50 साल बाद, उसने मुझसे बात की, तब से वह मुझे रोज फोन कर रही है. उसने मुझसे कहा कि उसने कभी शादी नहीं की और वह जल्द ही भारत आ रही है. राम जी की कसम, मुझे लगता है कि मैं फिर से 21 साल का हो गया हूं. मुझे नहीं पता कि मेरा आने वाला भविष्य कैसे होने वाला है, लेकिन यह जानकर कि मेरा पहला प्यार मेरे जीवन में वापस आ गया है और मुझसे हर रोज बात करता है. एक ऐसा एहसास है जिसे मैं समझा नहीं सकता.