EMI Loan News : ईएमआई लोन मोराटोरियम में राहत को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज लगातार तीसरे दिन सुनवाई है. माना जा रहा है कि कोर्ट आज इसपर सुनवाई के बाद फैसला सुरक्षित रख ले. वहीं सरकार ने बीते दिनों अपने हलफनामे में कहा था कि दो साल तक ईएमआई लोन भरने में ग्राहकों को राहत दी जा सकती है. सुप्रीम कोर्ट में पिछले दो दिन से दोनों पक्षों के बीच इस मुद्दे पर बहस हो रही है.
सुनवाई में दोनों पक्षों की दलील- कल हुई सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव दत्ता ने कोर्ट में कहा है कि लोग मुश्किल हालात से गुजर रहे हैं और यह स्कीम सभी के लिए दोहरी मार देने वाला है. सरकार को इसके लिए राहत देनी चाहिए.
सुनवाई में दोनों पक्षों की दलील- कल हुई सुनवाई में याचिकाकर्ताओं की ओर से वरिष्ठ वकील राजीव दत्ता ने कोर्ट में कहा है कि लोग मुश्किल हालात से गुजर रहे हैं और यह स्कीम सभी के लिए दोहरी मार देने वाला है. सरकार को इसके लिए राहत देनी चाहिए.
वहीं केंद्र सरकार की ओर पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि आरबीआई द्वारा पहला जोर ऋण चुकाने के दबाव को कम करना था. मेहता ने कहा कि समग्र रूप से सेक्टरों का पुनरुद्धार हुआ, ताकि अर्थव्यवस्था आगे बढ़ाया जा सके. तीसरा तनावग्रस्त परिसंपत्तियों का पुनर्निर्माण था. उन्होंने कहा कि हम बैंकिंग क्षेत्र की अनदेखी करके अर्थव्यवस्था को ठीक करने पर ध्यान नहीं दे सकते हैं, ताकि वे आर्थिक रूप से अस्थिर न हों. यह वास्तव में एक कठिन रास्ता है.
बता दें कि लोन मोराटोरियम की अवधि बढ़ाने की मांग वाले दो याचिकाओं पर सुप्रीम कोर्ट की जस्टिस अशोक भूषण की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच सुनवाई कर रही है. सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ कर दिया है कि देश के बैंक किस्त भुगतान टालने के बदले ब्याज पर ब्याज वसूलकर ईमानदार कर्जदारों को दंडित नहीं कर सकते.
31 अगस्त तक थी अवधि- केंद्र सरकार ने लोन लेने वाले ग्राहकों को 31 अगस्त तक राहत प्रदान की थी. सरकार ने पहले अप्रैल से लेकर जून तक और फिर जून से अगस्त तक लोन मोरेटोरियम में राहत प्रदान किया था. सरकार ने थह फैसला लॉकडाउन के कारण लिया था. इस फैसले की घोषणा वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने की थी.