COVID-19 Vaccine: पुणे की कंपनी को कोरोना वैक्‍सीन के मानव परीक्षण की इजाजत, 1600 लोग तैयार

नई दिल्‍ली: कोरोना वैक्‍सीन कोविशील्‍ड के मानव परीक्षण के लिए पुणे की फर्म को अनुमति मिली गई. एम्स दिल्ली, बीजे मेडिकल कॉलेज, पुणे, राजेंद्र मेमोरियल रिसर्च इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (आरएमआरआईएमएस) पटना आदि सहित 18 चयनित स्थलों में 18 वर्ष से अधिक आयु के लगभग 1,600 लोग भाग लेंगे. 
कोविड-19 पर एक विषय विशेषज्ञ समिति ने शुक्रवार को देश के औषधि नियामक से सिफारिश की कि सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया (एसआईआई) को ऑक्सफोर्ड के टीके के मनुष्य पर क्लीनिकल परीक्षण के दूसरे और तीसरे चरण की अनुमति प्रदान की जाए. 
पुणे का सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ़ इंडिया दुनिया की सबसे बड़ी वैक्सीन निर्माता है, जो उत्पादित और बेची जाने वाली खुराक की संख्या के अनुसार है. इसने ब्रिटिश-स्वीडिश फार्मा कंपनी एस्ट्रा ज़ेनेका के सहयोग से जेनर इंस्टीट्यूट (ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी) द्वारा विकसित संभावित वैक्सीन के निर्माण के लिए एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं.
इसका लक्ष्य बड़े पैमाने पर वैक्सीन का उत्पादन करना है, जिसकी कीमत 1,000 रुपये से कम होगी. पुणे फर्म द्वारा प्रस्तुत प्रारंभिक प्रस्ताव जांच के दायरे में आया और विशेषज्ञ समिति ने कुछ संशोधनों का सुझाव दिया.
SII ने मंगलवार को विशेषज्ञ पैनल के बाद बुधवार को एक संशोधित प्रस्ताव प्रस्तुत किया था, इसके आवेदन पर विचार-विमर्श के बाद, उसने कुछ अतिरिक्त जानकारी प्राप्त करने के अलावा परीक्षणों के लिए अपने प्रोटोकॉल को संशोधित करने के लिए कहा था.
SII के आवेदन पर विचार करने के लिए शुक्रवार को COVID-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति द्वारा एक आवश्यक बैठक आयोजित की गई. एक आधिकारिक सूत्र ने कहा कि विचार-विमर्श के बाद, यह सिफारिश की गई है कि ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी द्वारा विकसित संभावित वैक्सीन कोविशिल्ड के चरण 2 और 3 मानव नैदानिक ​​परीक्षणों के लिए अनुमति दी जाए.
एक आधिकारिक सूत्र ने बताया, ”कोविड-19 पर विषय विशेषज्ञ समिति ने एसआईआई के आवेदन पर विचार करने के लिए शुक्रवार को एक अत्यावश्यक बैठक की. विचार-विमर्श के बाद यह सिफारिश की गई है कि ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय द्वारा विकसित टीके ‘कोविशील्ड’ के मनुष्य पर क्लीनिकल परीक्षण के दूसरे और तीसरे चरण के लिए अनुमति दी जाए.”
संशोधित प्रस्ताव के अनुसार परीक्षण में 18 साल से अधिक उम्र के 1,600 प्रतिभागी शामिल होंगे. ये परीक्षण 17 चयनित स्थानों पर किए जाएंगे जिनमें एम्स-दिल्ली, बीजे मेडिकल कॉलेज-पुणे, आरएमआरआईएमएस-पटना, पीजीआई-चंडीगढ़, एम्स-जोधपुर, नेहरू अस्पताल-गोरखपुर, आंध्र मेडिकल कॉलेज-विशाखापत्तनम और जेएसएस एकेडमी ऑफ हायर एजुकेशन एंड रिसर्च-मैसूरू शामिल हैं.
डीसीजीआई ने मंगलवार को एसआईआई से प्रोटोकॉल के तहत दूसरे और तीसरे चरण को स्पष्ट रूप से परिभाषित करने को और समिति के मूल्यांकन के लिए आवेदन पुन: जमा करने को कहा था. एसआईआई ने कोविड-19 की रोकथाम के लिए ऑक्सफोर्ड विश्वविद्यालय के टीके के उत्पादन के लिए आस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी की है. उसने अपना पहला आवेदन डीसीजीआई को शुक्रवार को जमा किया था और कोविशील्ड के दूसरे और तीसरे चरण के ट्रायल के लिए अनुमति मांगी थी.
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