नई दिल्ली : भारतीय रेलवे ने ट्रेन की पटरियों पर दौड़ने वाली साइकिल बनाई है, जिसका प्रयोग रेलवे ट्रैक के इंस्पेक्शन और पटरियों की मरम्मत के लिए किया जाएगा। दरअसल, ट्रैकमेंटेनर रेलवे ट्रैक की लगातार निगरानी करते हुए ड्यूटी के दौरान पांच किलोमीटर की दूरी पैदल तय करते हैं। उनको ध्यान में रखते हुए साइकिल बनाने की योजना दिमाग में आई। यह आइडिया उत्तर पश्चिम रेलवे के अजमेर डिवीजन के सीनियर डिवीजनल इंजीनियर पंकज सोइन के माइंड में आया था। जिसके बाद इसे बनाया गया।
साइकिल को बनाने में रेल कार्ट के दो पुराने पहिये और लोहे के दो पाइपों का उपयोग हुआ है। इससे ट्रैक पर साइकिल का बैलेंस बना रहेगा और पटरी से गिरने का खतरा नहीं होगा। इस साइकिल से गैंगमैन और ट्रैकमैन आसानी से ट्रैक का इंस्पेक्शन करके रेल की पटरी की मरम्मत कर सकते हैं।
रेलवे के मुताबिक इस रेल साइकिल पर दो व्यक्ति बैठ सकते हैं. इसकी औसत गति 10 किलोमीटर प्रति घंटा है। हालांकि रेल साइकिल को अधिकतम 15 किलेामीटर प्रति घंटे की रफ्तार से भी चलाया जा सकता है। रेलवे के मुताबिक इस रेल साइकिल को सिर्फ 5000 रुपये में तैयार किया गया है, जिसमें पुरानी साइकिल की कीमत भी शामिल है।
दुर्गम इलाकों से गुजरने वाले ट्रैक पर इनका काम काफी चुनौती भरा होता है। अब इसी काम को थोड़ा आसान बनाने के लिए ये खास साइकिल बनाई गई है। जिसके जरिए ट्रैकमेंटेनर बिना थके पहले से अधिक दूरी तय कर सकेंगे।