CBSE की 10वीं और 12वीं की परीक्षाएं रद्द, 1 से 15 जुलाई तक होने वाले थे एग्जाम

नई दिल्ली : सीबीएसई बोर्ड की 10वीं और 12वीं क्लास की बची हुई परीक्षा कराने को लेकर कई राज्यों ने असमर्थता जाहिर की है। इन राज्यों ने परीक्षा कराने में असमर्थता जताने का हलफनामा सुप्रीम कोर्ट में दिया था, जिस पर गुरुवार को सुनवाई हुई।
परीक्षा कराने में असमर्थता जताने वाले राज्यों में महाराष्ट्र, दिल्ली और ओडिशा शामिल हैं। सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि 10वीं और 12वीं की 1 से 15 जुलाई को होने वाली परीक्षा को कैंसिल कर दिया गया है।
दिल्ली सरकार ने परीक्षाएं न कराने के लिए निशंक को लिखा था पत्र
बोर्ड परीक्षाओं के विषय पर सीबीएसई ने कहा था कि निर्णय लेने की प्रक्रिया एडवांस स्टेज में है। गुरुवार तक इसपर अंतिम फैसला लिया जाएगा। देश भर से कई अभिभावकों और राज्य सरकारों ने कोरोना वायरस के मद्देनजर सीबीएसई की शेष रह गई परीक्षाएं रद्द करने की मांग की थी। मानव संसाधन विकास मंत्रालय इन परीक्षाओं पर अंतिम फैसला लेने के लिए गृह मंत्रालय से परामर्श कर रहा है।
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री एवं शिक्षा मंत्री मनीष सिसोदिया ने 10वीं और 12वीं कक्षा की बोर्ड परीक्षाओं के विषय में केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री रमेश पोखरियाल निशंक को एक पत्र लिखा था। मनीष सिसोदिया ने केंद्र सरकार से कहा है कि 10वीं और 12वीं की शेष रह गई बोर्ड परीक्षाएं नहीं करवाई जाएं।
निशंक को लिखे पत्र में सिसोदिया ने कहा, कोरोना वायरस के कारण उत्पन्न हुई परिस्थिति में बोर्ड परीक्षाएं कराना बहुत कठिन है। मौजूदा हालात को देखते हुए ये बोर्ड परीक्षाएं रद्द कर देनी चाहिए। प्री बोर्ड अथवा आंतरिक परीक्षाओं के आधार पर 10वीं एवं 12वीं कक्षाओं के छात्रों के नतीजे घोषित कर देने चाहिए। 
दिल्ली सरकार के मुताबिक, दिल्ली में 266 कंटेनमेंट जोन हैं, जो आगे और बढ़ सकते हैं। सीबीएसई के मुताबिक, कंटेनमेंट जोन के स्कूलों में परीक्षाएं नहीं होंगी, ऐसे में इन जोन से आने वाले बच्चे परीक्षा में कैसे शामिल होंगे।
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