यूँ ही नहीं है संस्कारधानी जबलपुर... श्रमिकों को उनके गृह जिला भेजा गया, शासन के इंतजामों को सराहा श्रमिकों ने

पुणे से चलकर रीवा जा रही दो श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों और गोवा के मटगांव से रीवा जा रही श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन से शनिवार को जबलपुर रेल्वे स्टेशन पर 2121 श्रमिक उतरे। इन्हें जिला प्रशासन द्वारा 50 से अधिक बसों से उनके गृह जिला भेजा गया। शुक्रवार की रात को दो श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेनों से 776 श्रमिक जबलपुर आए। इन्हें जिला प्रशासन 17 बसों द्वारा गृह जिला भेजा।
      यह जानकारी देते हुए अनुविभागीय दण्डाधिकारी शाहिद खान ने बताया कि विभिन्न माध्यमों से जबलपुर पहुंचे 709 श्रमिकों को अंतर्राज्यीय बस स्टेंड से बसों द्वारा नि:शुल्क उनके गृह जिला भेजा गया।
      कोरोना संक्रमण के कारण विभिन्न प्रदेशों में फंसे श्रमिक और अन्य लोग अपने-अपने घर जाने के लिए प्रयासरत हैं। ये श्रमिक मध्य प्रदेश से गुजर रहे हैं। राज्य शासन के सख्त निर्देश हैं कि श्रमिक चाहे मध्यप्रदेश के हो या अन्य प्रदेश के उनके भोजन, परिवहन, आराम करने के लिए शेड और स्वास्थ्य परीक्षण की पूरी व्यवस्था की जाए। राज्य शासन की श्रमिकों के हित में स्पष्ट मंशा और निर्देशों के परिणाम स्वरूप स्थानीय प्रशासन के माध्यम से श्रमिकों को यह सभी सुविधाएं देना सुनिश्चित किया गया है। श्रमिक इन सुविधाओं का लाभ ले रहे हैं। प्रदेश सरकार की व्यवस्थाओं के संबंध श्रमिकों का कहना है।
श्री संजीव शुक्ला - महाराष्ट्र के नागपुर से रीवा जा रहे श्रमिक संजीव शुक्ला से नागपुर-सिवनी के मध्य खबासा बार्डर पर बात की गई तो उन्होंने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार द्वारा बस का इंतजाम किया गया है। उन्हें भोजन-पानी नि:शुल्क मिला है। स्वास्थ्य परीक्षण भी किया गया है। कहीं कोई दिक्कत नहीं है। वे आराम से रीवा पहुंचेंगे।
श्री मयंक ठाकुर - जबलपुर के पाटन के रहने वाले श्री मयंक ठाकुर ने बताया कि वे लॉकडाउन के दौरान महाराष्ट्र में थे और घर लौटने की उनकी प्रबल इच्छा थी। शासन द्वारा चलाई गई श्रमिक एक्सप्रेस ट्रेन से वे जबलपुर आए हैं और राज्य शासन द्वारा उन्हें बस द्वारा नि:शुल्क पाटन भेजा जा रहा है। उन्होंने भोजन और पेयजल व्यवस्थाओं की तारीफ की।   
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