नई दिल्ली । लॉकडाउन के तीसरे चरण में केंद्र सरकार की ढील के साथ संक्रमण बढ़ने से राज्य सरकारों की चिंता बढ़ गई है। कुछ राज्यों ने तो अपने यहां किसी तरह की ढील न देने का फैसला किया, तो कुछ राज्य छूट को नियंत्रित तरीके से लागू कर रहे हैं। हाल में श्रमिकों की घर वापसी व छूट के दौरान लोगों के बाहर निकलने से संक्रमण फैलने का खतरा है, इससे राज्य सरकारें चिंतित हैं। सोमवार से लॉकडाउन 3।0 शुरू हुआ है जो 17 मई तक चलेगा। रेड, ऑरेंज और ग्रीन जोन के लिए अलग-अलग छूट और प्रतिबंध तय किए हैं। लेकिन जिस तरह से लगातार कोरोना के मरीज बढ़ रहे हैं उससे राज्यों की चिंता बरकरार है। पिछले 3-4 दिनों का ट्रेंड देखा जाए तो हर रोज 2000 से ज्यादा मरीज सामने आ रहे हैं। टेस्टिंग की संख्या भी बढ़ी है, जिससे आंकड़ा बढ़ा है, लेकिन संक्रमण फैलने से हाथ पांव फूले हुए हैं। केंद्र और राज्य सरकारें लोगों को लगातार यह समझा रही हैं लॉकडाउन में छूट देने का अर्थ यह नहीं है कि कोरोना संक्रमण खत्म हो गया है या खतरा टल गया है। जरूरी यह है कि लोग नियमों का पालन करें, सोशल डिस्टेंसिंग का और तमाम जरूरी एहतियात बरतें, जिससे संक्रमण न बढ़े। लेकिन लोगों की दिक्कतें बढ़ गई हैं और अर्थव्यवस्था प्रभावित हो रही है इसलिए ढील देना जरूरी है। दिल्ली की सरकार ने तो केंद्र के सभी नियमों को उसी तरह लागू करने का फैसला किया है। वहीं झारखंड ने साफ कर दिया कि तीसरे चरण में कोई छूट नहीं दी जाएगी। ओडिशा के मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने चेतावनी दी है कि जो लोग बाहर से आ रहे हैं वे अपनी जिम्मेदारी समझें। अगर उन्होंने नियमों को तोड़ा तो कड़ी कार्यवाही करनी पड़ेगी। बिहार में तो सिर्फ दो जोन रेड और ऑरेंज जोन हैं। ताकि कोरोना संक्रमण पर प्रभावी रोकथाम लग सके।
लॉकडाउन के तीसरे चरण में ढील से राज्य सरकारों की बढ़ी चिंता
byCity Editor
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