कोविड-19 : अब घोड़ा भी हुआ क्वारंटाइन, कश्मीर के राजौरी का है दिलचस्प मामला

जम्मू : राजौरी के एक परिवार को उस घोड़े को अन्य पशुओं से पृथक रखने का निर्देश दिया गया है जो अपने मालिक को कश्मीर से जम्मू के राजौरी तक लाया। ऐसा कोरोना वायरस के खतरे के मद्देनजर किया गया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बुधवार को बताया कि परिवार को एहतियाती तौर पर एक घोड़े को अन्य पशुओं से अलग रखने को कहा गया है जिस पर सवार होकर उसका मालिक घाटी से मुगल रोड के रास्ते यहां तक पहुंचा। यह एक वैकल्पिक मार्ग है जो घाटी को बाकी देश के साथ जोड.ता है।

सर्दियों में हुई भारी बर्फबारी के कारण इस समय यह रास्ता बंद है। थानामंडी के तहसीलदार अंजुम बशीर खान ने बताया कि घोड़े का मालिक अपने गृह जिले राजौरी में घुस रहा था तभी उसे पुलिस ने रोक लिया। वह दक्षिण कश्मीर के शोपियां जिले से आया था। उस व्यक्ति को प्रशासनिक पृथक-वास में भेजा गया है और उसके नमूने कोविड-19 जांच के लिए भेजे गए हैं। खान ने बताया कि इसके बाद घोड़े के बारे में राय जानने के लिए पशु चिकित्सकों की मदद ली गयी।
राजौरी जम्मू क्षेत्र के ग्रीन जोन में आने वाले चार जिलों में से एक है जबकि शोपियां जिला रेड जोन में आता है। रेड जोन से ग्रीन या ऑरेंज जोन में जाने के लिए अनुमति की आवश्यकता होती है। खान ने कहा कि इंसानों से पालतू पशुओं में कोरोना वायरस का संक्रमण फैलने की कोई रिपोर्ट नहीं है लेकिन एहतियातन घोड़े को अलग रखा गया। रात भर निगरानी में रखने के बाद उसका तापमान जांचा गया और मंगलवार को उसे परिवार को सौंप दिया गया।
खान ने बताया कि परिवार को हिदायत दी गयी है कि घोड़े के मालिक की टेस्ट रिपोर्ट निगेटिव आने तक घोड़े को घर के अन्य पालतू पशुओं से अलग रखा जाए। राजौरी में मंगलवार शाम तक कोरोना वायरस संक्रमण के कुल 13 मामले सामने आ चुके हैं । चार मरीज ठीक हो चुके हैं और बाकी का इलाज चल रहा है।
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