3 मई के बाद क्या? मुख्यमंत्रियों से बात कर पीएम मोदी ने राज्यों के पाले में डाली गेंद

नई दिल्ली, कोरोना वायरस से निपटने के लिए देश में लागू लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चौथी बार राज्यों के मुख्यमंत्रियों से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की. लॉकडाउन 2.0 की अवधि 3 मई को समाप्त हो रही है. कोरोना से जारी जंग में क्या लॉकडाउन को एक बार फिर बढ़ाया जाएगा, ये फिलहाल चर्चा का विषय है. 3 मई के बाद देश कोरोना से कैसे लड़े, सोमवार को मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री मोदी की वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में इसपर फैसला तो नहीं आया, लेकिन संकेत साफ आ गए हैं.मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि राज्यों की कोशिश रेड जोन को ऑरेंज जोन और फिर उन्हें ग्रीन जोन में बदलने की होनी चाहिए. प्रधानमंत्री की इस बात के संकेतों को यूं समझें कि राज्यों में कोरोना के रेड जोन यानी बेहद प्रभावित इलाकों में लॉकडाउन बरकरार रह सकता है. ऑरेंज जोन यानी जहां कोरोना के मामले तो हैं मगर वे जगहें हॉटस्पॉट नहीं हैं, वहां छूट मिल सकती है. और ग्रीन जोन यानी कोरोना मुक्त जगहों पर लॉकडाउन से राज्यों को छूट देने को कहा जा सकता है. लेकिन इस रणनीति को कैसे अमल में लाया जाएगा, इस पर अब तक तस्वीर साफ नहीं है
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चौथी बार पीएम की राज्यों के सीएम के साथ चर्चा
कोरोना पर मुख्यमंत्रियों के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की ये चौथी वीडियो कॉन्फ्रेंस थी, जिसमें केरल के मुख्यमंत्री पिनरई विजयन को छोड़कर बाकी राज्यों की सरकारों के मुखिया शामिल थे. केंद्र से तनातनी के बावजूद पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से जुड़ीं.वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में 10 राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने अपनी-अपनी बात रखी. वैसे ओडिशा, मेघालय, गोवा लॉकडाउन बढ़ाने के पक्ष में खुले तौर पर हैं. तो बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार कह रहे हैं कि लॉकडाउन पर फैसला केंद्र को करना है. कई और राज्य अभी आने वाले 2-4 दिन में बनने वाले हालात का इंतजार कर रहे हैं.
कोरोना से बुरी तरह प्रभावित राज्यों के लिए संकट
लॉकडाउन के एग्जिट प्लान पर फैसला हालात के मुताबिक होगा. ऐसे में कोरोना की चपेट में बुरी तरह आए राज्यों के लिए बड़ा संकट है. सबसे ज्यादा प्रभावित राज्य महाराष्ट्र है जहां 8068 केस और 342 मौतें हो चुकी हैं. इसके बाद हालात गुजरात में खराब हैं, जहां 3301 केस और 151 मौतें हो चुकी हैं. दिल्ली में 3000 से ज्यादा केस हैं और 54 मौतों का आंकड़ा है. राजस्थान में 2185 मामले हैं और 33 मौतें हुई हैं, जबकि मध्य प्रदेश में 2096 केस और 103 मौतें हैं. यानी इन राज्यों के मुख्यमंत्रियों के लिए 3 मई के बाद की रणनीति बनाना सबसे कठिन होगा.जाहिर तौर पर महाराष्ट्र चाहता है कि हॉटस्पॉट्स में कोई ढील न मिले, यानी कम से कम मुंबई और पुणे में लॉकडाउन बढ़े. अपने ग्रीन जोन को खोलने पर अभी महाराष्ट्र फैसला नहीं कर सका है. तो यूपी जैसे राज्य भी दिल्ली से लगे अपने बॉर्डर सील करने जैसे कड़ा फैसला ले रहे हैं.
अर्थव्यवस्था पर भी खुलकर बात हुई
प्रधानमंत्री की मुख्यमंत्रियों के साथ इस वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग में अर्थव्यवस्था पर भी खुलकर बात हुई. बैठक में मौजूद रहे केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि आर्थिक गतिविधियां ज्यादा समय नहीं रोकी जा सकतीं. कोरोना के खिलाफ लड़ाई लंबी है, हमें धैर्यपूर्वक लड़ना है. तो उधर राज्य अब अर्थव्यवस्था पर कुछ और ठोस कदम उठाए जाने की जरूरत बता रहे हैं.लॉकडाउन, अर्थव्यवस्था जैसे सवालों के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने फिर से सोशल डिस्टेंसिंग की जरूरत को नए शब्दों में समझाया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि 2 गज दूरी का मंत्र अपनाना होगा. मास्क पहनना और सोशल डिस्टेंसिंग अब हमारी जिंदगी का हिस्सा होगा.
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