सेंसेक्स और निफ्टी की लुटिया आज फिर डूबी, जाने कितना और नीचे गिरा

Share market crash: कोरोना के संकट के बीच सेंसेक्स में कोहराम मचा हुआ है। सोमवार को शेयर बाजार में अब तक की सबसे बड़ी 3,934.72 अंकों की गिरावट आई। इसके साथ ही बीएसई सेंसेक्स 25,981.24 के स्तर पर पहुंच गया। यह कमोबेश वही लेवल है, जहां से 16 मई, 2014 के बाद से शेयर मार्केट ने रफ्तार पकड़ी थी और 40,000 के लेवल को पार कर गया था। इस तरह पीएम नरेंद्र मोदी के आने के बाद से शेयर बाजार में अब तक जो तेजी आई थी, वह पूरी खत्म हो गई है। बाजार ने जहां से रफ्तार भरी थी, वहीं आकर ठहर गया है। 6 साल पीछे जाएं तो 16 मई, 2014 को लोकसभा चुनाव के वोटों की गिनती हुई थी। बीजेपी के पक्ष में नतीजे आने पर शेयर बाजार ने 1,470 अंकों की उछाल के साथ पीएम नरेंद्र मोदी का स्वागत किया था। उस उछाल के साथ सेंसेक्स 25,375.63 के स्तर पर था।
इसके बाद फिर तेजी का दौर कमोबेश जारी ही रहा। हालांकि अब कोरोना और उससे पहले आर्थिक सुस्ती के चलते शेयर बाजार में लगातार गिरावट देखने को मिली है। शेयर बाजार के लिए मार्च का महीना सबसे घातक रहा है। गिरावटों के रिकॉर्ड के साथ शेयर बाजार लगातार गिरा है। मार्च के महीने 4 बार सेंसेक्स में ऐतिहासिक गिरावट आई है। अकेले सोमवार को ही शेयर बाजार में 3,934 अंकों की गिरावट आई और निवेशकों के 14.23 लाख करोड़ रुपये चंद घंटों में ही स्वाहा हो गए।
मार्च के महीने में निवेशकों की अब तक 52 लाख करोड़ रुपये की पूंजी डूब गई है। शेयर मार्केट में गिरावट का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि मार्केट कैपिटलाइजेशन में देश की नंबर वन कंपनी रिलायंस इंडस्ट्रीज लिमिटेड के शेयर 52 सप्ताह के निचले लेवल पर हैं। भले ही बाजार में गिरावट की मुख्य कोरोना वायरस के चलते दुनिया भर में लॉकडाउन है, लेकिन भारत में यस बैंक, आर्थिक सुस्ती समेत कई मसलों ने पहले से ही बाजार की तेजी पर ग्रहण लगाने का काम किया थ।


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