अब अस्पतालों में भर्ती खांसी, बुखार-सर्दी के लक्षणों वाले सभी मरीजों की होगी Covid-19 की जांच

देश में अब तक कोरोना के 271 मामले सामने आ चुके हैं। कोरोना के बढ़ते मामलों के देखते हुए भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) ने इससे निपटने की योजना में बदलाव किया है। अपनी रणनीति में शनिवार को आईसीएमआर ने संशोधन करते हुए कहा कि श्वसन संबंधी गंभीर बीमारी, सांस लेने में दिक्कत और बुखार और खांसी की शिकायत के साथ अस्पताल में भर्ती सभी मरीजों की कोविड-19 संक्रमण के लिए जांच की जाएगी।
आईसीएमआर ने कहा कि कोरोना से संक्रमित किसी के संपर्क में आने या फिर कोरोना के लक्षण दिखने पर कोरोना टेस्ट जरूर कराएं। किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने पर अगले 5-14 दिनों में ही अपना कोरोना टेस्ट कराएं।

इस हफ्ते कोरोना ने अपना प्रभाव तेजी से फैलाया है जिसके मद्देनजर आईसीएमआर ने अपनी रणनीतियों में बदलाव किया है। योजनाओं में बदलाव का मुख्य लक्ष्य कोरोना के बढ़ते फैलाव को रोकना है। पिछले 14 दिनों में विदेशी यात्रा से आए लोगों को निगरानी में रखा गया था। इन लोगों में कोरोना के लक्षण पाए गए हैं। साथ ही इन लोगों के संपर्क में आए स्वास्थ्य कर्मचारियों में भी इंफेक्शन देखने को मिला है।

अभी तक पिछले 14 दिनों में अंतरराष्ट्रीय यात्रा करने वाले बिना लक्षण वाले लोगों और बाद में लक्षण दिखने, प्रयोगशाला से संक्रमण की पुष्टि वाले मामलों के संपर्क में आने वाले और लक्षण दिखाने वाले लोगों और लक्षण दिखाने वाले सभी स्वास्थ्य देखभाल कार्यकर्ताओं की दिशा निर्देशों के अनुसार संक्रमण के लिए जांच की गई। देश में कोरोना स्टेज-2 पर है, अभी स्टेज-3 यानि कि सामुदायिक संक्रमण का कोई मामला सामने नहीं आया है।

आईसीएमआर ने जानकारी दी कि अगर कोई मामला सामुदायिक फैलाव से जुड़ा आएगा तब टेस्टिंग के नियमों में और बदलाव किया जाएगा। परीक्षण के लिए एडवाइजरी की समय समय पर समीक्षा की जा रही है। इसकी समीक्षा नेशनल टास्क फोर्स कर रही है जिसके अध्यक्ष वी के पॉल हैं। वी के पॉल नीति आयोग के भी सदस्य हैं।
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